लॉक डाउन के दौर में उद्योगों के लिए संजीवनी साबित होगा, नया आरक्षण बिल-
मंदी के दौर में उद्योगों में नई जान फूंकेगा नया आरक्षण बिल-
युवाओं को रोजगार और उद्योगों को मिलेंगे निपुण कर्मचारी

रमेश गोयत

चंडीगढ़,12 जुलाई-सरकारी महकमों में घटते रोजगार के अवसर और बढ़ते बेरोजगारी के दबाव को कम करने के लिए जेजेपी-भाजपा गठबंधन सरकार ने निजी क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं के द्वार खोलने का खाका तैयार कर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। भाजपा-जेजेपी सरकार का यह कदम न केवल के हरियाणा में उद्योगों केा सुनहरा भविष्य तय करेगा बल्कि प्रदेश के युवाओं की नई तकदीर भी लिखेगा।

निजी क्षेत्र में बढ़ते रोजगार के अवसरों को प्रदेश सरकार ने बखूबी समझा है। या यूं कहें कि निजी क्षेत्र के माध्यम से लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के सपनों को पंख लगाने का जिम्मा सरकार ने अपने सिर पर लिया है।

 हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को प्राइवेट कंपनियों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को नौकरियां देने के लिए जो कदम उठाया गया है, उससे जहां प्रदेश के युवा उत्साहित नजर आए हैं ,वहीं उधोगपति भी इस बात को लेकर खुश हैं कि उनको अब कौशल में निपुण युवा मिलेंगे। क्योंकि उद्योगों को नए भर्ती किये गए युवाओं को उनके कार्य से संबंधित प्रशिक्षण देने में ही काफी समय व धन खर्च करना पड़ता था। तकनीकी युग एवं अधिकतर काम कंप्यूटराइज्ड होने के चलते  सरकारी  नौकरियां तो नाम मात्र की बची हैं, ऐसे में पढ़े-लिखे सभी बेरोजगारों को रोजगार देना राज्य सरकारों के लिए चुनौती बना हुआ था। प्रत्येक राजनीतिक दल द्वारा चुनाव के समय इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश भी की जाती रही है।

चुनाव से मात्र 10 माह पहले बनी जेजेपी के युवा नेता दुष्यन्त चौटाला विदेश में बेशक पढ़े हों परन्तु उन्होंने राज्य के लाखों बेरोजगार युवाओं का मर्म समझा और बिना लारा-लप्पा दिए चुनावों से पहले इसका खूब प्रचार किया क उनकी पार्टी सत्ता में आई तो प्रदेश में स्थापित उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं को दी जाएंगी। वे बखूबी जानते हैं कि सरकारी नौकरियां सीमित होने के कारण लाखों बेरोजगार युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में ही रोजगार दिया जा सकता है। बेशक विधानसभा में 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी को प्रदेश में पूर्ण बहुमत नहीं मिला परन्तु भाजपा के साथ खड़ा होकर प्रदेश में एक स्थायी सरकार बनाने की नींव रख दी।

जानकारी बताते हैं कि भाजपा सरकार का साझीदार बनते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व मंत्रीपरिद व कानूनविदों से विचार विमर्श कर इसका खाका बनाना शुरू कर दिया था। अगर कोवीड-19 की महामारी नहीं आती तो शायद अब तक उनका युवाओं से किया गया वादा सिरे भी चढ़ चुका होता। हालांकि कुछ विपक्षी राजनीतिक दलों ने उद्योगपतियों को बरगलाने की भी कोशिश की लेकिन राज्य सरकार यह समझाने में कामयाब रही कि उद्योगों को अब स्किल में निपुण युवा मिलेंगे।

 उन्होंने बताया कि 17 विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन क्लीयरेंस केवल 45 दिनों में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, उद्यमियों के लाभ के लिए डीम्ड क्लीयरेंस की सुविधा भी दी गई है। 

उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में सभी प्रकार के पंजीकृत उद्यमों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम (एचयूएम) पोर्टल शुरू किया गया है। यह पोर्टल सभी उद्यमों, दुकानों, एमएसएमई, बड़े और मेगा उद्योगों को एक विशिष्ट पहचान संख्या नंबर प्रदान करेगा ताकि सरकार से अनुमति और सेवाओं को एकीकृत तरीके से प्रदान किया जा सके। भविष्य में किसी भी वाणिज्यिक या औद्योगिक नीति का लाभ एचयूएम नंबर के आधार पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 215 उद्योगों ने अब तक इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा भी लिया है। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को कौशल में निपुण करके रोजगारयुक्त बनाना है। विदित रहे कि 6 जुलाई 2020 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अध्यादेश, 2020Ó का प्रारूप तैयार करने के लिए स्वीकृति प्रदान दी गई है, तैयार होने के बाद अध्यादेश के लिए इसे कैबिनेट की अगली बैठक में उसको फिर रखा जाएगा। इसके बाद वह अध्यादेश राज्यपाल और उसके बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

तत्पश्चात राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और उसके बाद विज्ञापित होने वाली नौकरियों के लिए ही यह कानून लागू होगा।

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