गुरूग्राम, 10 जुलाई। गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिए टेस्टिंग महत्वपूर्ण है, जितनी जल्दी हम टेस्टिंग कर पाएंगे, उतनी ही इस महामारी की रोकथाम में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शुरू में जहां गुरूग्राम में हर रोज 300 से 500 टेस्ट होते थे ,अब औसतन 3 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं जिसमें दोनो प्रकार -रैपिड एंटीजन टेस्ट तथा आरटीपीसीआर टेस्ट शामिल हैं।

वे आज स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह तथा सिविल सर्जन डा. वीरेन्द्र यादव भी उपस्थित थे। 

उन्होंने बताया कि बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों अर्थात् एलओआर में जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट के आदेशों को कड़ाई से लागू किया है और सघन टेस्टिंग व ट्रेसिंग अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि इस अभियान के तहत जिला में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान शुरूआती चरण में ही हो जाए ताकि अन्य लोगों में संक्रमण ना फैले। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग आरटीपीसीआर तथा रैपिड एंटीजन टेस्टिंग किट द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमण को लेकर बनाए गए बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों अर्थात् एलओआर की समय सीमा 14 जुलाई को समाप्त हो रही है और इसकी समाप्ति के बाद जरूरत अनुसार नए एलओआर बनाए जा सकते हैं । उन्होंने कहा कि कम से कम असुविधा से लोगों को ज्यादा लाभ दें पाएं , यही प्रशासन का प्रयास है। 

कोरोना संक्रमण के बारे में पहले लगाए जा रहे कयासों का उल्लेख करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर पहले लगाए गए सभी अनुमान अब गलत साबित हो रहे हैं। गुरूग्राम में इस महामारी संक्रमण में स्थिरता आई है और इसके फैलने का जो ग्राफ बढ़ रहा था , वह अब काफी हद तक रूक गया है। अब गुरूग्राम में महामारी का कर्व फलैट होने की ओर अग्रसर है। यह सभी पक्षों के मिले जुले प्रयासों की वजह से संभव हुआ है। इसमें जिलावासियों की जागरूकता का भी योगदान है। इसके अलावा कोरोना योद्धाओं तथा सभी सरकारी एजेंसियों जैसे नगर निगम,स्वास्थ्य विभाग , पुलिस आदि ने एकजुट होकर काम किया है। 

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए उपायों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिला के अस्पतालों में उपचाराधीन व होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करना जिला प्रशासन का उत्तरदायित्व है। इन मरीजों से विभिन्न तरीकों से प्रशासन संपर्क में रहता है। उदाहरण के तौर पर उनसे एसएमएस, जूम एप तथा फोन काॅल आदि के माध्यम से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा, कोरोना सक्रमित मरीजों की समस्याओं के हल के लिए जिला प्रशासन की टीम द्वारा होम विजिट भी की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि कोरोना के लिए जिला की एक मुख्य हैल्पलाइन फोन नंबर -1950 पर 24 घंटे संचालित की जा रही है। इसके अलावा,  बुजुर्गों तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क हैल्पलाइन -1800-123-445555 चलाई जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों की काउंसलिंग व उनकी मानसिक देखभाल के लिए हैल्पलाइन नंबर-011-41194545 चल रही है। इन हैल्पलाइनो पर मुफत सलाह दी रही है।

 एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग इम्युनिटी बूस्टर किट बांट रहा है और अब तक विभाग 2 लाख से अधिक किट बांट चुका है। 

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