-हरेरा के चेयरमैन डा. खंडेलवाल होंगे मुख्य वक्ता
-अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से आयोजित किया जा रहा वेबीनार

गुरुग्राम। चैलेंजिस फॉर हाउसिंग फॉर ऑल बाई 2022 यानी 2022 में सभी के लिए आवास (प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत) उपलब्ध कराने में क्या-क्या चुनौतियां हैं, इस पर वेबीनार में मंथन किया जाएगा। रविवार 12 जुलाई को दोपहर 12 बजे से यह वेबीनार शुरू होगा। 

अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से आयोजित किए जा रहे इस वेबीनार में हरेरा के चेयरमैन डा. केके खंडेलवाल, टूलिप गु्रप के चेयरमैन एवं एमडी तथा नरेडको के उपाध्यक्ष प्रवीन जैन रेडप्रो डेवेलपर्स प्रा. लि. के एमडी अर्जुन कुमार इस वेबीनार में स्पीकर होंगे। जूम ऐप पर प्रसारित होने वाले इस वेबीनार में अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला, महासचिव राजेश सिंगला, प्रोफेशनल विंग के अध्यक्ष विभोर बंसल, कनवीनर अधिवक्ता अभय जैन और को-कनवीनर अंकुश जैन भी शामिल रहेंगे।

कनवीनर अधिवक्ता एवं रेरा एक्सपर्ट अभय जैन ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लांच की गई थी। जिसके तहत देशभर में 5 करोड़ मकान बनाने की बात कही गई थी, जिसका लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक रखा गया था। यानी पूरे देश में बेघरों को इस तारीख तक घर उपलब्ध होंगे। इन 5 करोड़ घरों में से 3 करोड़ ग्रामीण क्षेत्र में और 2 करोड़ शहरी क्षेत्र में घर बनाए जाने थे। जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2019 तक शहरी क्षेत्र में एक करोड़ घरों को बनाने के लिए अनुमति दी गई वहीं ग्रामीण क्षेत्र में डेढ़ करोड़ घर बनाने की अनुमति दी गई। 

अनुमान के मुताबिक इन दोनों योजनाओं में से अभी तक करीब 30 प्रतिशत घर शहरी क्षेत्र में बनकर तैयार हुए हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 20 प्रतिशत बने हैं। सरकार की यह बड़ी परियोजना थी, फिर भी इस पर इतनी गंभीरता से काम नहीं हुआ है, जितना होना चाहिए थे। इसी को लेकर इस वेबीनार में मंथन किया जाएगा कि क्या-क्या चुनौतियां अब हमारे सामने हैं। रियल एस्टेट की अभी तक इसमें कितनी सकारात्मक भूमिका रही है और सरकार का कितना साथ मिला है। क्या निर्धारित तारीख तक लोगों का घरों का यह सपना पूरा हो पाएगा।

error: Content is protected !!