चंडीगढ़, 7 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज युवा उद्यमियों को हरियाणा में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के तहत अपनी इकाइयों स्थापित करने के लिए सभी समर्थन और सहयोग की पेशकश की और कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के 56 समूहों की पहचान की है जोकि राज्य के सभी 22 जिलों में स्थापित की जाएंगी, जिससे राज्य के लगभग 70,000 एमएसएमई लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि राज्य में मौजूदा एमएसएमई का कामकाज कोविड -19 के कारण प्रभावित न हो।

मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों के प्रधानमंत्री रोजग़ार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थिंयों और सभी जिलों के जिला उद्योग विकास केन्द्रों के महाप्रबधंकों के साथ बातचीत कर रहे थे।

भारत का युवा देश के रूप में उल्लेख करते हुए उन्होंने राज्य के युवाओं को कम से कम समय में सभी आवश्यक मंजूरियों का आश्वासन देते हुए राज्य में एमएसएमई इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि 17 विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन क्लीयरेंस केवल 45 दिनों में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, उद्यमियों के लाभ के लिए डीम्ड क्लीयरेंस की सुविधा भी दी गई है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई न केवल देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं बल्कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजग़ार भी प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने युवाओं को राज्य में स्टार्ट-अप और स्टैंडअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कहा। उन्होंने युवाओं को एमएसएमई क्षेत्र में उद्यम के माध्यम से नौकरी तलाशने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने स्टार्ट-अप और स्टैंडअप पंजीकरण के मामले में भारी प्रगति की है, क्योंकि 4194 स्टार्ट-अप और 4119 स्टैंडअप सहित राज्य में 8000 से अधिक पंजीकरण किए गए हैं, जो पड़ोसी राज्य पंजाब में किए गए पंजीकरण की तुलना में बहुत अधिक है । इसके अलावा, राज्य में स्टैंडअप के लिए 868 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया है।

कोविड-19 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब राज्य में औद्योगिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हंै और प्रदेश की 56000 औद्योगिक इकाइयों में 38.13 लाख कामगार काम पर लौटे हैं। इसी प्रकार, जीएसटी व राजस्व संग्रहण भी लगभग जून, 2019 के संग्रहण के बराबर पहुंच गया है। औद्योगिक क्षेत्र में 80 प्रतिशत बिजली की खपत हो रही है जो यह दर्शाती है कि लगभग पूरा उद्योग कोविड से पहले की सामान्य स्थिति में पहुंच गया है।

श्री मनोहर लाल ने लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के उद्यमियों से आह्वïान किया कि वे सरकार द्वारा उद्योग एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के पंजीकरण के लिए आरंभ किए गए ‘हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम’ (एचयूएम) पर पंजीकरण करवाएं और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में सहयोग दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पंजीकृत सभी प्रकार के उद्यमों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम (एचयूएम) पोर्टल शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सभी उद्यमों – दुकानों, एमएसएमई, बड़े और मेगा उद्योगों को एक विशिष्ट पहचान संख्या नंबर प्रदान करेगा ताकि सरकार से अनुमति और सेवाओं को एकीकृत तरीके से प्रदान किया जा सके। भविष्य में किसी भी वाणिज्यिक या औद्योगिक नीति का लाभ एचयूएम नंबर के आधार पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 215 उद्योगों ने अब तक इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।

उन्होंने उद्यमियों को मुद्रा योजना (शिशु श्रेणी) के तहत 50,000 रुपये के ऋण का अधिकतम लाभ उठाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को 5 प्रतिशत के मामूली ब्याज पर ऋण प्रदान किया जाएगा और इस योजना के तहत पांच लाख लोगों को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एमएसएमई के पुनरुद्धार के लिए भी योजना शुरू की है, जिसके तहत प्रति कर्मी 20,000 रुपये के ऋण पर, राज्य सरकार द्वारा 6 महीने के लिए 8 प्रतिशत के ब्याज का भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अलावा, राज्य सरकार युवाओं के कौशल विकास पर भी विशेष जोर दे रही है ताकि उन्हें रोजगारपरक बनाया जा सके। कल ही, राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय आबादी की बेरोजगारी के पहलू को संबोधित करने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य विभिन्न निजी कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म आदि में प्रति माह 50,000 रुपये से कम वेतन वाले नौकरियों के लिए स्थानीय उम्मीदवारों को रोजग़ार प्रदान करना हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, मुख्यमंत्री के प्रधान ओएसडी श्री नीरज दफ्तुआर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.सी.गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री ए.के.सिंह, निदेशक डॉ. साकेत कुमार, एमएसएमई के महानिदेशक श्री विकास गुप्ता, बिजली निगमों के चेयरमैन-सह-प्रबंध निदेशक श्री शत्रुजीत कपूर तथा ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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