– कोरोना महामारी के मद्देनजर न ली जाए छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा – दिग्विजय चौटाला. – सरकार द्वारा परीक्षाएं रद्द करने के बावजूद निजी विश्वविद्यालय क्यों ले रहे ऑनलाइन परीक्षा – दिग्विजय चौटाला. – ऑनलाइन परीक्षा के खिलाफ इनसो, परीक्षा होने पर चुप नहीं बैठेंगे – दिग्विजय चौटाला चंडीगढ़, 6 जुलाई। छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) कोरोना काल में छात्रों की परीक्षा संबंधित बढ़ी समस्याओं को लेकर लगातार गंभीर है। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला द्वारा की गई हरियाणा के विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने की मांग राज्य सरकार द्वारा स्वीकार होने के बावजूद भी प्रदेश के कई प्राइवेट विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा कराने की तैयारी कर रहे है। इसके मद्देनजर दिग्विजय सिंह चौटाला ने इन विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों को पत्र लिखकर छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा न करवाते हुए बिना परीक्षा पास करने की मांग की है। सोमवार को दिग्विजय चौटाला ने जगन्नाथ यूनिवर्सिटी, मानव रचना यूनिवर्सिटी, एसजीटी यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनिवर्सिटी, आईआईएलएम यूनिवर्सिटी, ओम स्टर्लिंग यूनिवर्सिटी व नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी इत्यादि के उपकुलपतियों को पत्र लिख कर छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन व पिछले परिणाम के आधार पर पास करने का आग्रह किया है। साथ ही दिग्विजय ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना काल में बनीं इन विपरीत स्थितियों में भी छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करके अगर परीक्षाएं ली गई तो इनसो छात्र संगठन इन विश्वविद्यालयों के प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आंदोलन करेगा। अपने पत्र में दिग्विजय चौटाला ने कहा कि प्राइवेट विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से कराने का फैसला लिया है लेकिन मार्च से ही विद्यार्थी अपने घर पर है और न तो विद्यार्थियों के पास पुस्तकें व अध्ययन सामग्री है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं न ही विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से अपना सिलेबस पूरा कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के पास ऑनलाइन कक्षा व परीक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। दिग्विजय ने कहा कि अन्तिम वर्ष के छात्रों पर आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा का अतिरिक्त दबाव है और ऐसे में अगर इन विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं आयोजित की गई तो इससे विद्यार्थियों की सेहत, पढ़ाई व भविष्य पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ऐसे में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट विश्वविद्यालयों के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा आंतरिक मूल्यांकन व पिछले परिणाम के आधार पर पास कर विद्यार्थियों को राहत दी जाए। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इनसो व इन विश्वविद्यालयों के छात्र अंतिम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा के सख्त खिलाफ है। वहीं उन्होंने इन विश्वविद्यालयों के वीसी से सवाल पूछा कि जब सरकार ने छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन व पिछले परिणाम के आधार पर पास करने की इजाजत दे दी है तो ऐसे में इन विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा करवा कर छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डालने की क्या विशेष आवश्यकता है। उन्होंने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वीसी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वो अभी भी छात्रों की आवाज को अनसुना करते हुए परीक्षा कराते है या किसी छात्र के साथ परीक्षा को लेकर अनहोनी हुई तो इनसो छात्र संगठन इन विश्वविद्यालयों के प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेगा व सरकार को भी इस बारे में कार्रवाई का आग्रह करेगा। Post navigation मत्स्य पालन के 2,000 प्रोजेक्ट लगाएं तथा 5,000 युवाओं को दे ट्रेनिंग: जयप्रकाश दलाल निजी उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं के लिए लॉलीपॉप