·         सोनीपत में पुलिसकर्मियों की ह्त्या के क्रम में दोबारा वही सवाल प्रदेश के सामने खड़ा हो गया कि क़ानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति का जिम्मेदार कौन. ·          जो प्रदेश कभी शांति, खुशहाली का प्रतीक और विकास दर में नंबर 1 था, आज बेरोजगारी दर में नंबर 1 बनने के बाद अपराध दर में भी नंबर 1 बना.·          हुड्डा सरकार के समय अपराधियों को या तो हरियाणा छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया था या जेल की सलाखों के अंदर डाल दिया गया था.·          जब प्रदेश में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम जन किस प्रकार खुद को सुरक्षित महसूस करेगा

चंडीगढ़, 02 जुलाई। राज्य सभा सांसद व CWC सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने आज हरियाणा की बदतर कानून-व्यवस्था पर खट्टर सरकार से सीधा जवाब मांगते हुए कहा कि सोनीपत में पुलिसकर्मियों की ह्त्या समेत प्रदेश मे रोज़ाना हो रही हत्याओं के क्रम में दोबारा वही सवाल प्रदेश के सामने खड़ा हो गया है कि हरियाणा में क़ानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने आगे कहा कि हुड्डा सरकार के समय खेलकूद, निवेश, विकास, शांति मे अव्वल रहा हरियाणा…खट्टर राज मे हत्या, लूट, डकैती, दंगे, नशे, बेरोजगारी मे अव्वल हो गया है। पिछले 6 साल में प्रदेश बीसियों साल पीछे चला गया है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को लेकर BJP+JJP सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि NCRB के वर्ष 2018 के आंकड़े बताते हैं कि हर दिन 3 से 4 हत्याएं, 4 रेप, और 14 अपहरण हुए। हर दिन 1 डकैती, 6 छेड़छाड़,  महिलाओं के साथ 39 किसी ना किसी तरह की गंभीर वारदातें हुई हैं। रोज़ 50 वाहनों की चोरी हुई है। चोरी के वाहन अक्सर वारदातों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल होते हैं। वर्ष 2018 में रोज़ 54 चोरी, लूट, डकैती और ज़बरन वसूली की वारदातें हुई हैं। इसी तरह के आंकड़े राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के भी हैं। कुल मिलाकर आंकड़े बता रहे हैं कि हरियाणा अब अपराधियों की शरणस्थली बन गया है। गुंडे और अपराधी बेख़ौफ़ दनदनाते घूम रहे हैं और प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सबसे बदतर कानून-व्यवस्था के दौर से गुजर रहा है और ये दुर्भाग्य है। इसकी पुष्टि वो नहीं, बल्कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पिछले 4 वर्षों के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े कर रहे हैं कि 2016 के बाद से इन 4 वर्षों में सबसे ज्यादा अपराध दर वाले जो टॉप 3 राज्य हैं उनमें हरियाणा की गिनती हो रही है। डकैती, हत्या जैसे मामलों में हरियाणा ने उत्तर प्रदेश, बिहार को पीछे छोड़ दिया है। दंगों से नुकसान के मामलों में जम्मू-कश्मीर को पीछे छोड़ दिया है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में तो इन वर्षों के अंदर पूरे देश में हरियाणा की गिनती नंबर 1 पर हुई है। उन्होंने सवाल किया कि ये दुर्भाग्य है कि स्थिति इतनी बेकाबू कैसे हो गयी।

सांसद दीपेंन्द्र हुड्डा ने हाल में सोनीपत में दो पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि हम सबने देखा कि सोनीपत के अंदर खुलेआम पुलिस पर गोलियां बरसायी गयी। हरियाणा के अंदर पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्याएं हो रही हैं। जब प्रदेश में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम जन किस प्रकार खुलकर सांस ले सकेगा, खुद को कितना सुरक्षित महसूस करेगा। इस विषय पर सोचना होगा। एक समय था जब हरियाणा में हुड्डा सरकार थी, तब अपराधियों को या तो हरियाणा छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया था या तो जेल की सलाखों के अंदर डाल दिया गया था। कानून नहीं मानने वाले अपराधियों का एनकाउंटर करने की आवश्यकता भी पड़ी तो हरियाणा में कानून-व्यवस्था, शांति कायम करने के लिये हर कदम उठाया गया था। अब वही अपराधी पुलिस पर गोलियां बरसा रहे हैं। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर परिस्थिति है। जवाबदेही और सबसे पहली जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की बनती है। खट्टर सरकार प्रदेश की बदतर कानून-व्यवस्था पर जवाब दे। 

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