गेस्ट लेक्चरर ने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर करीब 15 साल नौकरी की. 30 मई 2020 तक कुल 32 लाख रुपये का वेतन प्राप्त किया है. अब इस रकम की रिकवरी की जाएगी.

सिरसा.  सिरसा जिले में एक प्रिंसिपल द्वारा नियमों को दरकिनार करके अपनी पत्नी को स्कूल में गेस्ट लेक्चरर बनाने का मामला सामने आया है. इस मामले का खुलासा 15 साल बाद हुआ है. प्रिंसिपल की पत्नी पिछले 15 वर्षों से नौकरी कर रही थी और सैलरी भी ले रही थी. मामले का खुलासा तब हुआ जब शिक्षा निदेशालय के एमआईएस पोर्टल पर महिला गेस्ट लेक्चरर द्वारा अपलोड की गई जानकारी पर मौजूदा स्कूल प्रिंसिपल को शक हुआ.

गेस्ट लेक्चरर ने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर करीब 15 साल तक नौकरी की. 30 मई 2020 तक कुल 32 लाख रुपये का वेतन प्राप्त किया. रानियां स्कूल के प्रिंसिपल करतार सिंह ने एक्स पोस्ट फैक्ट के तहत उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. बता दें कि प्रिंसिपल करतार सिंह ने इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी है. तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने महिला द्वारा दी गई जानकारी को फर्जी पाया और इसकी रिपोर्ट स्कूल प्रिंसिपल करतार सिंह को सौंपी.

प्रिंसिपल ने रिपोर्ट के आधार पर महिला गेस्ट टीचर को बर्खास्त कर उनसे करीब 32 लाख रुपये की रिकवरी भी डाली है. आरोपी महिला गेस्‍ट टीचर को 21 जुलाई 2020 तक यह रकम जमा करवानी पड़ेगी. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि गेस्ट लेक्चरर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. राशि वसूलने का भी नोटिस जारी हो चुका है. इसके अलावा शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है.

आयु में करीब 15 साल का फर्क

जांच कमेटी ने पाया कि गेस्ट लेक्चरर की वोटर लिस्ट में आयु 65 साल है, जबकि नौकरी के लिए जमा करवाए गए बर्थ सर्टिफिकेट में उसका जन्म वर्ष 1969 लिखा हुआ है. आयु में करीब 15 साल का फर्क है. जांच कमेटी ने वोटर लिस्ट में एक बेटे की आयु करीब 43 साल पाई. इस पर गेस्ट टीचर ने दावा किया कि उनके पति की दो शादियां हुई हैं. 43 साल वाला बेटा पति की पहली पत्नी का है, लेकिन महिला पति की पहली शादी का कोई सबूत नहीं दे पाई. उनके बेटे का जन्म अक्टूबर 1983 को हुआ.

14 साल में कर ली दसवीं

जांच कमेटी ने दसवीं की मार्कशीट की कॉपी हरियाणा भिवानी बोर्ड को जांच के लिए भेजी है, क्योंकि दसवीं की मार्कशीट के अनुसार उनकी 14 साल में मैट्रिक कर लिया. मार्कशीट पर दसवीं किस स्कूल से की गई, उसका जिक्र नहीं है. प्राइमरी और हाई स्कूल कहां से की, इस पर महिला लेक्चरर का जवाब था कि यह नियम उन पर लागू नहीं है.

गेस्ट लेक्चरर ने किया यह दावा

गेस्ट लेक्चरर ने यह दावा किया कि वह एक साल फेल हो गई थीं, उसके बाद उन्‍होंने अगले वर्ष प्राइवेट की परीक्षा दी, जबकि जांच कमेटी ने दावा किया कि उस समय प्राइवेट परीक्षा का नियम नहीं था. जांच कमेटी ने ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री की डीएमसी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को वेरीफिकेशन के लिए भेज दिए हैं. साथ ही नियमानुसार केवल उस विद्यालय में स्थानीय उम्मीदवार को ही गेस्ट लेक्चरर लगाया जा सकता है. गेस्ट लेक्चरर के पास रानियां का कोई स्थायी प्रूफ भी नहीं मिला.

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