सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने किया आंदोलन का ऐलान, बहाली तक आंदोलन रहेगा जारी

भिवानी/मुकेश वत्स

 1983 पीटीआई बहाली की मांग को लेकर राज्यभर में डीसी दफ्तरों पर 18वें दिन भी आंदोलन जारी रहा। अनिश्चितकालीन आंदोलन का ग्राम पंचायत, ब्लॉक व शहर पंचायत, किसान, मजदूर, कर्मचारी संगठनों का लगातार व्यापक समर्थन मिल रहा है। राजनैतिक पार्टियों के लोग भी अपने-अपने ढंग से धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की टीम सदस्य मा. सुखदर्शन सरोहा, भरतसिंह खटाणा, राकेश मलिक, राजेश लाम्बा, पवन कुमार, सुरेन्द्र दिनोद ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। अनिश्चितकालीन आंदोलन की अध्यक्षता शारीरिक शिक्षक संघ जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा द्वारा की गई। सभी ने एक स्वर में मांग की तथा कहा कि तुरन्त प्रभाव से 1983 पीटीआई की सेवा को बहाल किया जाए।

मुख्य वक्ता के तौर पर सकसं राज्य आडिटर संदीप सांगवान ने बोलते हुए कहा कि हम सरकार से सवाल पूछना चाहते हैं कि पीटीआई शिक्षक दोषी नहीं है फिर तुगलकी फरमान जारी कर क्यों रोजगार छीन लिया गया। पीटीआई भर्ती 2010 में लगे हुए किसी भी शिक्षक के कागजात में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं पाई गई यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय का लिखित में है। सरकार द्वारा 14 साल पहले निकाली गई इस भर्ती में लगे हुए 70 प्रतिशत शिक्षक 45-50 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं, अब कहां जाए यह बड़ी चिंता का विषय है। बहुत ही अहम बात यह भी है कि लगभग 50 ऐसे शिक्षक है जो अन्य महकमों से नौकरी छोडक़र इस भर्ती में चयनित हुए, अब वह कहां जाएं।

लगभग 50 शिक्षक के अलग-अलग घटनाओं में मृत्यु हो चुकी है उनके परिवार का भरण-पोषण एक्सग्रेसिया स्कीम के तहत तनख्वाह पर हो रहा है उन पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कुछ महिला पीटीआई शिक्षक नौकरी के दौरान विधवा हो चुकी हैं। आज वह केवल इस नौकरी के बल पर अपने परिवार का गुजारा कर रही हैं। नौकरी से हटाने पर वह अब अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। कोरोना योद्धाओं का नौकरी से निकालकर अपमानित किया जा रहा है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को नोटिस भेज दिया है कि समय रहते 1983 पीटीआई को बहाल नहीं किया जाता तो आगामी 3 जुलाई को ऑल इण्डिया स्टेट गवर्नमेंट इम्पलाईज फैडरेशन के आह्वान पर अखिल भारतीय विरोध दिवस प्रदर्शन कर अपनी आवाज को बुलन्द करेंगे।