चंडीगढ़, 30 जून- कोरोना काल के दौरान थैलेसिमिया व अन्य ज़रूरतमंद रोगियों को रक्त उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हरियाणा रेड क्रास सोसाइटी ने धार्मिक, सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से 26,752 रक्त इकाइयां एकत्रित कर पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिससे रेड क्रास सोसाइटी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। यह बात हरियाणा के राज्यपाल  सत्यदेव नारायण आर्य ने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की हरियाणा राज्य शाखा की प्रबंध समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। राज्यपाल ने कोविड-19 के दौरान रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा किए गए कार्यों के लिए सोसाइटी से जुड़े संगठनों व स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना की।  इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल, जो इस सोसाइटी के उप प्रधान भी हैं और छ: जिलों यमुनानगर, रेवाडी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, रोहतक और कुरूक्षेत्र के उपायुक्त, जो रेड क्रॉस सोसाइटी की जिला इकाइयों के अध्यक्ष भी हैं, उपस्थित थे। अन्य जिलों के उपायुक्तों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया।

   भारतीय रेड क्रॉस की हरियाणा शाखा द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कोविड -19 संकट के दौरान, रेड क्रॉस सोसाइटी ने ब्लड  यूनिटस को एकत्र करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ-साथ कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क, सैैनेटाइजर व दस्ताने वितरित करने का कार्य भी किया। इतना ही नहीं, संक्रमण के प्रति आमजन को जागरुक भी किया। आर्य ने कहा कि रेड क्रॉस वालंटियर्स ने यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य में हर ज़रूरतमंद को दो वक्त का खाना मिले। सोसाइटी द्वारा प्रत्येक ज़रूरतमंदों को सूखे राशन और पके हुए भोजन के पैकेटों को समुचित रुप से वितरित करने का कार्य किया। प्रवासी श्रमिकों को राहत पहुंचाने के दृष्टिगत रिलीफ कैंप स्थापित किए गए जिसमें प्रतिदिन हजारों लोगों के ठहरने की सुविधा मिली। हम सब के लिए यह गर्व की बात है कि राज्य सरकार और रेड क्रॉस सोसाइटी की राज्य शाखा द्वारा किए गए प्रयासों को देश में एक पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि संकट के समय मानवता की सेवा करना हम सब का कर्तव्य है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि रेड क्रॉस का मुख्य कार्य समाज की सेवा करना है और समाज में ऐसे लोग हैं जो स्वेच्छा से समाज सेवा के कार्य में अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहते हैं, ऐसे लोगों को रेड क्रास सोसाइटी से जोडऩा चाहिए।       

 मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरियाणा में रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से अधिक से अधिक जन औषधि केंद्र खोले जाएं, ताकि आमजन को उचित दरों पर दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यूथ रेड क्रॉस गतिविधियों को निजी विश्वविद्यालयों में भी शुरु किया जाए। इसके अलावा, जूनियर रेड क्रास गतिविधियों को निजी स्कूलों में भी आरंभ किया जाए। उन्होंने जिला उपायुक्तो को निर्देश दिए कि पंचायतों से अपील की जाए कि मानवता की सेवा के लिए रेड क्रास सोसाइटी द्वारा कि जा रहे कार्यों के लिए हर संभव योगदान दें।       

 उन्होंने रेड क्रास के इतिहास से अवगत कराते हुए कहा कि युद्ध के दौरान मानवता की सेवा के नाते से रेड क्रॉस द्वारा बिना भेदभाव के घायलों की मदद की जाती थी और उनके द्वारा किए गए इन्हीं कार्यों की बदौलत समय के साथ-साथ आमजन का भरोसा इस सोसाइटी के प्रति बढ़ा है। मनेाहर लाल ने कहा कि कोविड.19 संकट की इस घड़ी में गरीब व ज़रूरतमंद व्यक्तियों की सहायता के लिए समाज के हर वर्ग से अपील की गई, जिसके परिणामस्वरूप हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में आमजन के साथ-साथ लगभग 1.90 लाख कर्मचारियों ने भी योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि लगभग 200 कर्मचारियों ने अपना पूरा मासिक वेतन दिया। यहां तक कि ग्रुप-डी के भी काफी कर्मचारियों ने भी एक महीने का वेतन हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दिया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आज तक हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में 248 करोड़ रुपये का योगदान हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग के लोगों ने कोरोना रिलीफ फंड में योगदान दिया है, जिनमें छात्र और किसान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े लोगों को समाज के प्रति अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए आमजन से अपील करनी चाहिए कि वे भी आगे आकर समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए रेड क्रॉस सोसाइटी का सहयोग करें। इस अवसर पर हरियाणा रेड क्रॉस सोसाइटी के महासचिव  डी. आर. शर्मा ने कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में हरियाणा की सभी जिला शाखाओं में मानवता की सेवा के लिए हर संभव प्रयास किए गए। उन्होंने अवगत कराया कि कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की हरियाणा शाखा ने ज़रूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए अपने विशेष राहत कार्यक्रम तैयार किए हैं।       

 उन्होंने बताया कि हरियाणा रेड क्रॉस ने कोविड-19 महामारी से बचाव और इससे लडऩे के लिए 7809 स्वयंसेवकों, 1072 गैर सरकारी संगठनों और 33 एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी। बैठक में बताया गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (हरियाणा) के स्वयंसेवकों ने 14415020 भोजन के पैकेट, 291103 सुखा राशन, 659709 फेस मास्क, 20000 एन 95 मास्क, 1,54,629 दस्ताने, 68259 हैंड सैनिटाइजर, 50,000 श्वसन दवाओं- विटामिन – सी गोलियां वितरित की गई।       

 इसके अलावा, बच्चों के लिए 247500 भोजन के पैकेट, 10000 से 12000 प्रवासी मज़दूरों को आश्रय प्रदान किए गए। इस लॉकडाउन अवधि के दौरान 560 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के माध्यम से लगभग 26752 इकाइयाँ एकत्रित की गई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए चलाए गए अभियान के तहत 1792576 व्यक्तियों को जागरूक किया गया, 876892 व्यक्तियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए प्रेरित किया गया, 41362 भवनों को स्वयंसेवकों द्वारा सैनेटाइज किया गया और चौथे चरण के अंत तक यानी 31 मई तक 180000 सूचना सामग्री की प्रतियाँ वितरित की गई। वायरस की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएँ दी गई।

  इस अवसर पर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान हरियाणा रेड क्रॉस की भूमिका और प्रतिक्रिया नामक एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान रेड क्रॉस सोसाइटी (हरियाणा) द्वारा की गई गतिविधियों पर तैयार की गई डॉक्यूमेंटरी भी दिखाई गई।       

 बैठक में राज्यपाल की सचिव डा0 जी. अनुपमा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा रेड क्रॉस सोसाइटी की उपाध्यक्ष श सुष्मा गुप्ता, कोषाध्यक्ष  अखिलेश कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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