क्या विभागीय जाँच में 1 करोड़ बोतलों की ‘शाॅर्टेज़’ यानि तस्करी साबित हुई?
क्या विभागीय जाँच में 19 लाख बोतलें ‘एक्सेस’ यानि ‘दो नंबर की शराब’ पाई गई
11 मई से 27 जून, 2020 तक भी ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ को शराब घोटाले का रिकाॅर्ड न देना मामले पर पर्दा डालने की साजिश को दर्शाता है।

कोरोना महामारी के लाॅकडाऊन के दौरान हरियाणा प्रदेश में खुलेआम ‘शराब घोटाला’ हुआ तथा चोर दरवाजे से औने पौने दामों पर शराब की बिक्री व तस्करी हुई।

इस पूरे मामले की जाँच को लेकर ‘स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम’ का गठन किया गया। जब 10 मई, 2020 को सोनिपत में सरकार के गोदाम से ही शराब चोरी कर तस्करी का मामला सामने आया व अन्य जिलों में भी शराब तस्करी के मामले खुलने लगे, तो खट्टर सरकार ने आनन-फानन में ‘स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम’ (एसआईटी) को खारिज कर दिया।

अगले ही दिन यानि 11 मई, 2020 को ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ (एसईटी) का गठन कर मामले को सरकारी जाँच के पचड़े में पूरी तरह से उलझा दिया। यही नहीं स्पेशल इंक्वायरी टीम में एडीजीपी, श्री सुभाष यादव को यह जानते हुए भी लगाया गया, कि वो 31 मई, 2020 को रिटायर हो जाएंगे। श्री सुभाष यादव रिटायर भी हो गए।

स्पेशल इंक्वायरी टीम का गठन न तो ‘क्रिमिनल प्रोसीज़र कोड 1973’ की धारा 2(h) व 2(o) के तहत किया गया तथा न ही इसे कागजात जब्त करने, रेड करने, अधिकार स्वरूप एक्साईज़ विभाग व पुलिस विभाग के रिकाॅर्ड को खंगालने, दोषियों की गिरफ्तारी करने बारे कोई अधिकार दिया गया।

मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़े बड़े दावे किए कि 15 दिन में जाँच संपूर्ण हो जाएगी। परंतु 11 मई से 27 जून, 2020 के बीच जाँच तो दूर ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ को आबकारी विभाग का रिकाॅर्ड तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया। एसईटी ने अब इस बारे पत्र लिख मुख्यमंत्री को सूचना भी दी है।

जहाँ पूरी सरकार शराब घोटाले की लीपापोती और शराब माफिया व सरकार में बैठे लोगों के गठजोड़ पर पर्दा डालने में लगी है, वहां आबकारी विभाग के तथ्य अपने आप में सनसनीखेज और चैंकानेवाले हैं। आबकारी विभाग में मार्च-अप्रैल, 2020 व अप्रैल-मई, 2020 में अंग्रेजी व देशी शराब के होलसेल (एल-1 व एल-13) तथा शराब के ठेकों की जाँच से सामने आया है कि 99,41,066 बोतलों या लगभग 1 करोड़ बोतलों की शाॅर्टेज़ पाई गई। मतलब साफ है कि यह सीधे सीधे शराब तस्करी या नाज़ायज़ तौर से शराब बिक्री का मामला है।

इसी प्रकार से जाँच में 19,10,330 बोतलें ‘एक्सेस’ पाई गईं। मतलब साफ है कि यह सीधे-सीधे एक्साईज़ चोरी का मामला है व हरियाणा के खजाने को चूना लगाने का मामला है। इस बारे संलग्नक A1 देखिए।

साफ है कि शराब घोटाले की जाँच की बजाय ‘आॅपरेशन कवरअप’ जारी है। क्या मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर जवाब देंगे।