भिवानी/मुकेश वत्स।  महंत आचार्य माई जी महाराज ने बताया सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते, मनुष्य को रात को सोते समय 5 से 7 बार इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और इस मंत्र का उच्चारण करने से मांगलिक संदेश मिलता है और मां जगदंबा की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए इस मंत्र का उच्चारण हर मनुष्य को रात को सोते समय जरूर करना चाहिए। यह यह मंत्र हर काम की कुर्ती पूरी करने वाला मंत्र है।

उन्होंने बताया कि यह हवन पूर्णतया मानव मात्र की भलाई और कल्याण के लिए है यह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नही है। इस हवन में आम जन तथा मॉ के उपासक इसमें सपरिवार भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा भारतवर्ष में वेदिक काल में प्रत्येक घर व मंदिर और आश्रम में यज्ञ प्रति दिन होता था और पूरे देश में सुख शांति व वैभव था। यज्ञों के कारण ही प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। उन्होंने बताया की मां कामख्या और मां बगलामुखी महायज्ञ वास्तव में मानव के लिये कल्प वृक्ष के समान है। जो मानव की हर सात्विक मनोकामना पूर्ण करने में सक्षम है। संकट के इस समय हर सनातन के मानने वाले को मां बगलामुखी की शरण में आना चाहिए। वैसे भी सनातन धर्म का यज्ञ सबसे प्रमुख धार्मिक कर्तव्य है।

वेद और पुराण दोनों तरह की सनातन धार्मिक पद्धति में यज्ञ की महिमा का वर्णन है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अपने श्रीमुख से यज्ञ दान और तप को किसी भी मनुष्य के लिये अनिवार्य घोषित किया है। ऐसे में प्रत्येक मानव का कर्तव्य है की वह प्रकृति और पर्यावरण के संतुलन और मानव की रक्षा के लिये यज्ञ करे।

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