कहा- संक्रमण के दौर में विद्यार्थियों, टीचिंग स्टाफ़ और नॉन-टीचिंग स्टाफ़ के लिए घातक हो सकता था परीक्षा करवानादीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ज़ोर शोर से उठाई थी हरियाणा के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करने की मांगसांसद दीपेंद्र और NSUI की मांग के आगे झुकी सरकार, विद्यार्थियों के हक़ में लिया फ़ैसला 24 जून, चंडीगढ़ः महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ और हरियाणा फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा का धन्यवाद किया है। इन संस्थाओं का कहना है कि महामारी के इस दौर में कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षा करवाना विद्यार्थियों, टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ सभी के लिए घातक हो सकता था। लेकिन दीपेंद्र सिंह हुड्डा और एनएसयूआई ने सरकार के सामने और हाईकोर्ट में परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई। उसी का नतीजा है कि सरकार को हरियाणा के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करने का फ़ैसला लेना पड़ा। कोविड 19 संक्रमण से स्वास्थ्य संबंधी ख़तरों को देखते हुए सांसद दीपेंद्र लगातार सरकार को चेता रहे थे। लेकिन प्रदेश सरकार फ़ाइनल ईयर की परीक्षा करवाने पर अड़ी रही। सरकार ने सिर्फ़ हरियाणा के विद्यार्थियों की परीक्षा करवाने का ऐलान भी कर दिया था। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार के सामने बाकी राज्यों और कई यूनिवर्सिटीज़ का उद्हारण पेश किया, जिन्होंने अपने सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रोमोट किया। इसी बीच NSUI प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की। याचिका पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा। आख़िरकार सरकार को झुकना पड़ा और विद्यार्थियों के हक़ में फ़ैसला लेना पड़ा। NSUI ने भी सरकार पर ज़रूरी दबाव बनाने के लिए सांसद दीपेंद्र का धन्यवाद किया। इस फ़ैसले से विद्यार्थी, अभिभावक, टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ़ सभी संतुष्ट हैं। बड़ी तादाद मे लोग सोशल मीडिया पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा का धन्यवाद कर रहे हैं। Post navigation हरियाणा सरकार ने बिना राजनीतिक पूर्वाग्रह के कांग्रेस सहित अन्य छात्र संगठनों की बात मानकर दूरदर्शिता का परिचय दिया : विद्रोही हरियाणा रोङवेज ज्वाईन्ट एक्सन कमेटी की बैठक 23 जून को परिवहन निदेशक से हुई सम्पन्न