कक्षाओं के विद्यार्थी होगें अगले समैस्टर में प्रमोट

चंडीगढ़, 23 जून- प्रदेश सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में फाइनल समैस्टर व इंटरमीडिएट समैस्टर की कक्षाओं की परीक्षाएं संचालित न करने का फैसला लिया है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली समैस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा, जिसमें उनके पिछली परीक्षा में प्राप्त अंकों का 50 प्रतिशत को वर्तमान समैस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ दिया जाएगा। यद्यपि कोविड-19 के बाद परिस्थितियां सामान्य होने पर विद्यार्थी खुद परीक्षा में शामिल होकर ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं। यही फार्मूला दूरस्थ शिक्षा/प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए लागू होगा।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि यदि कोई विश्वविद्यालय आॅनलाइन परीक्षा लेने के लिए सभी सुविधाएं रखता है और वह तैयार है तो वहां आॅनलाइन परीक्षाएं संचालित की जा सकती हैं, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विद्यार्थी भी आॅनलाइन परीक्षा देने में सक्षम हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन विद्यार्थियों का कोई पेपरबकाया है तो उन्हें परीक्षा से छूट देकर पिछली परीक्षा के औसत अंकों के आधार पर अगले समैस्टर में प्रमोट किया जा सकता है। यही फार्मूला दूरस्थ शिक्षा/प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए लागू होगा।

कंवर पाल के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को केवल आंतरिक मूल्यांकन की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जहां पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं अभी तक संचालित नहीं हो पाई हैं वहां पर विद्यार्थियों की पिछली सभी प्रैक्टिकल परीक्षाओं के औसत आधार पर या पिछली समैस्टर में थ्योरी की परीक्षाओं के औसत 80 प्रतिशत अंकों का आधार माना जा सकता है, इनमें जिसमें भी अधिक अंक बनते हैं उसको आधार मान सकते हैं।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों द्वारा अपने यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमैंटस में स्रातक कक्षाओं में एडमिशन व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे, जबकि उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्रातक स्तर और स्रातकोत्तर स्तर के कॉलेजों के लिए पहले की तरह केंद्रीकृत आॅनलाइन एडमिशन किए जाएंगे।

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के बहुतकनीकी संस्थानों में भी फाइनल ईयर, इंटरमीडिएट ईयर के विद्यार्थियों को अगले वर्ष या समैस्टर में प्रमोट करने तथा प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक देने का फार्मूला भी उक्त महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की तरह ही लागू होगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने यह निर्णय सभी कुलपतियों द्वारा स्टेक-होल्डरों के साथ किए गए सलाह-मशविरा के बाद लिया है।

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