–छात्रों के अभिभावकों की मांग गृह जिलों में हो तैनाती नारनौल, (रामचंद्र सैनी): हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार की एक गाइडलाइन का हवाला देकर 22 जून से प्रदेश के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस कर रहे फाइनल इयर के मेडिकल के तमाम छात्रों को प्रदेश के अस्पतालों में तैनात करने करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मेडिकल शिक्षा एवं रिसर्च महानिदेशक कार्यालय से प्रदेश के सभी सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कालेजों को पत्र जारी कर दिया गया है। विभाग के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा लिखे गए पत्र में प्रदेश के 11 कालेजों के फाइनल इयर के 1106 एमबीबीएस के स्टूडेंटस को विभिन्न जिलों के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। साथ ही पत्र में आदेशों की कडाई से पालना करने के लिए भी कहा गया है। विभाग के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा जारी किए इस पत्र की प्रति के साथ सभी मेडिकल कालेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की सूची नाम व पूरे पते के साथ भेजी गई है। सरकार के इस आदेश पर एमबीबीएस कर रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों ने कहा कि वे सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन एमबीबीएस के इन विद्यार्थियों की तैनाती उनके गृह जिलों में ही होनी चाहिए। इसके पीछे अभिभावकों का तर्क है कि एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थी अभी पूरी तरह परिपक्व नहीं है। विभिन्न जिलों के अस्पतालों में तैनाती के दौरान यह घर से दूर रहेंगे और अकेले रहेंगे। ऐसी स्थिति में यदि कोरोना मरीजों के संपर्क में आकर कोई विद्यार्थी संक्रमित हो जाता है तो इनकी देखरेख कौन करेगा। अभिभावकों का मानना है कि यदि इन विद्यार्थियों को गृह जिलों में तैनात किया जाये तो इनको काफी सुविधाएं परिजनों द्वारा दी जा सकती है। तैनाती के दौरान यदि कोई विद्यार्थी संक्रमण की चपेट में भी आ जाता है तो ये उनके परिजनों की देखरेख में अच्छे से आइसोलेट हो सकेंगे और उनका मनोबल भी बना रहेगा। इसलिए जो विद्यार्थी हरियाणा के उन्हें उनके गृह जिलों और जो 15 प्रतिशत कोटे से प्रदेश के बाहर के हैं, उन्हें रोहतक या ऐसे जिलों में तैनात करना चाहिए, जहां इनके ठहरने के लिए हॉस्टल या अन्य कोई व्यवस्था हो सके। Post navigation बिजली निगम के अधिकारियों के खिलाफ मुंडियाखेड़ा में महिला-पुरूषों ने किया प्रदर्शन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घर पर ही योग करके अपने फोटो व वीडियो शेयर किए