चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्टÑीय मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार व भाजपा-जजपा सरकार को अपने हर जनविरोधी निर्णय पर यू-टर्न लेने और घुटने टेकने को मजबूर कर दिया। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के किसानों के हितों के लिए प्रदेश में जगह-जगह धरना देने के कारण खट्टर-दुष्यंत सरकार को धानबंदी का आदेश वापिस ले किसान की ड्योढ़ी पर झुकना पड़ा। प्रदेश की मंडियों में जाकर किसान, मजदूर और आढतियों की दुर्दशा का संज्ञान लेने पर भाजपा-जजपा सरकार के गेहूं,सरसों खरीद पर शर्तों की पाबंदी का फैसला भी सरकार को वापस लेना पड़ा। प्रदेश के युवाओं के हितों की आवाज बुलंद करने के कारण खट्टर-दुष्यंत सरकार द्वारा नौकरियों पर 1 साल का प्रतिबंध का फैसला सरकार को वापस लेना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार द्वारा शराब ठेकों को अनवरत जारी रखने के फैसले के खिलाफ सुरजेवाला जी ने सबसे पहले आवाज बुलंद की, जिसके परिणाम स्वरूप सरकार को ना चाहते हुए भी शराब ठेकों को बंद करना पड़ा। सुरजेवाला जी द्वारा हरियाणा सरकार के 2015 की नौकरियों को रद्द करने के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण ही खट्टर-दुष्यंत सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा और आनन-फानन में ही वर्ष 2015 की भर्तियों के परिणाम घोषित करने पड़े जिससे प्रदेश के लाखों युवाओं के हित लाभान्वित हुए। हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना वारियर डॉ रमेश पूनिया को अपनी ड्यूटी से वंचित करने के फैसले के खिलाफ सुरजेवाला जी ने ही आवाज उठाई थी, जिससे अगले ही दिन डॉ रमेश पूनिया को अपना कार्यभार वापस मिल गया। आवाज बुलंद करने के कारण ही खट्टर सरकार ने जिला जींद के स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ जय भगवान जाटान को सस्पेंड करने के अपने फैसले को वापिस लेना पड़ा। विधानसभा में, मीडिया में और धरौदी धरनास्थल पर जाकर किसानों और नरवाना इलाके के ग्रामीणों की पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्धता की मांग को आखिरकार खट्टर सरकार को मानना पड़ा। विरोध के कारण ही मोदी सरकार को अपने थर्ड पार्टी वाहन बीमा राशि में बढ़ोतरी के जनविरोधी निर्णय को वापिस लेना पड़ा। हरियाणा सरकार द्वारा कर्मचारियों को बार-बार प्रताड़ित करने के खिलाफ सुरजेवाला ने हमेशा से ही आवाज बुलंद की है। भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट द्वारा मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह से मारपीट मामले के खिलाफ सबसे पहले रणदीप सुरजेवाला ने ही आवाज बुलंद की थी। जिसके परिणाम स्वरूप हरियाणा की खट्टर-दुष्यंत सरकार को अपनी चहेती सोनाली फोगाट को गिरफ्तार करना पड़ा। Post navigation भाई भतीजावाद की लड़ाई कहां ? कंप्यूटर टीचरों और लैब सहायकों के जून के मानदेय को देने से इंकार