एचसीए वाट्सएप नंबर 98129 20931 पर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू,
ऑनलाइन शतरंज की बिसात पर देश से हजारों खिलाड़ी करेंगे कोरोना को शह-मात,

16 जून. हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के स्वस्थ, उज्जवल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना मिशन के तहत एचसीए चेकमेट कोरोना वायरस पंडित राम चन्द्र मैमोरियल ऑल इंडिया ऑनलाइन शतरंज चैंपियनशिप 30 जून से आयोजित की जाएगी। इसमें देश के सभी राज्यों के खिलाडियों का प्रवेश नि:शुल्क किया जाएगा। इसके लिए एचसीए वाट्सएप नंबर 98129 20931 पर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है जो 27 जून तक चलेगी। चैंपियनशिप की पूरी जानकारी एचसीए की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर देखी जा सकती हैं।

देश के हजारों खिलाडियों के बीच होगे ऑनलाइन शतरंज मुकाबले
हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि चैंपियनशिप में देश के सभी राज्यों के हजारों खिलाड़ी ऑनलाइन दमखम दिखाएंगे। इस स्पर्धा में शिरकत करने वाले खिलाड़ी लगातार कई दिन प्रैक्टिस मैच में अपनी-अपनी चालों का प्रदर्शन करेंगे। प्रैक्टिस मैच के लिये सैकड़ो खिलाडिय़ों ने खेलने के लिये अपना नाम लिखाया है। वल्र्ड चेस फे डरेशन के नियमों पर आधारित इस स्पर्धा के सभी मुकाबले ऑनलाइन होंगे जिनका सीधा प्रसारण डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर होगा। स्पर्धा के टॉप 30 विजेताओं को एचसीए की ओर से प्रमाण-पत्र तथा हरित फाउंडेशन के सहयोग से नगद राशि दी जायेगी। सभी मुकाबलें 30 जून को सुबह 9 बजे से खेले जाएगे। प्रत्येक मैच में 3 मिनट व 3 सेकंड का इंक्रीमेंट समय दिया जाएगा।

एचसीए ने आपदा को अवसर में बदला
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में खेल प्रतियोगिताएं ठप्प पड़ी है। लेकिन इस संकट ने शतरंज के लिये बेहतर अवसर पैदा कर दिया है। एचसीए ने टेक्नोलॉजी की बदौलत इस आपदा को अवसर में बदल लिया है। हम सुरक्षित रहते हैं, हम रचनात्मक रहते हैं तथा हम ऑनलाइन शतरंज खेलते हैं इस नारे के साथ ऑल इंडिया ऑनलाइन शतरंज स्पर्धा करवा रहे हैं।

देश के सभी खिलाडिय़ों का प्रवेश नि:शुल्क
देश के सभी खिलाडिय़ों का प्रवेश नि:शुल्क होगा। खिलाडिय़ों को उत्साहित करने के लिए एचसीए द्वारा समय-समय पर आवश्यक कदम उठाए जाते है। शतरंज के धुरंधर तैयार करने के लिए एचसीए प्रदेश के खिलाडियों को नि:शुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण देती है। महिलाओं व पुरूष प्रतिभागियों की संयुक्त रूप से ऑनलाइन प्रतिस्पर्धाऐं होंगी। एचसीए की तरफ से एक टूर्नामेंट लिंक जारी किया गया है। स्पर्धा में शिरकत करने वाले सभी प्रतिभागी खिलाडियों को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर जाकर ऑनलाइन टूर्नामेंट लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद अपना नया यूजर नेम व पासवर्ड, ईमेल सबमिट करके अपनी आइडी बनानी होगी।

मिलेगी छात्रवृत्ति : चैंपियनशिप के विजेताओं को खेल विभाग की ओर से छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसकी पूरी जानकारी डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर देखी जा सकती हैं।

शतरंज स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हो : एचसीए ने स्वस्थ, उज्जवल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना मिशन के तहत गुजरात, तमिलनाडू व गोवा की तरह हरियाणा में शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल करने पर बल दिया।

कोरोना का खेल / दुनियाभर की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान, भारत में खेल के बाजार को 4700 करोड़ रुपए का घाटा
इस साल आईपीएल नहीं होता है तो बीसीसीआई को 5000 करोड़ रु. का नुकसान हो सकता है। फुटबॉल इंग्लिश प्रीमियर लीग के क्लबों के रेवेन्यू में 8600 करोड़ रु. की कमी आ सकती है। यूएस ओपन बिना दर्शकों के हुआ तो आयोजकों को 760 करोड़ रु. का नुकसान होगा। अकेले अमेरिका में ही 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होगा। भारत में स्पोर्ट्स और उससे जुड़े इंडस्ट्री का कारोबार 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इस पर अब संकंट के बादल मंडरा रहे हैं। इंटरनेशनल ओलंपिक खेल टले, अब अगले साल आयोजित होने है, इसके टलने से जापान को अकेले 56 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ेगा। यूएस ओपन 24 अगस्त से शुरू हो रहा है। अगर यूएस ओपन बिना दर्शकों के हुआ तो आयोजकों को 760 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। हर साल 500 करोड़ की प्रॉफिट वाली प्रो कबड्डी लीग का आयोजन भी खतरे में, प्रो कबड्डी लीग के लिए इस साल अप्रैल में खिलाडिय़ों की नीलामी होनी थी, लेकिन यह अब तक नहीं हो पाई है। इसके आयोजन पर भी खतरा मंडरा रहा है। भारत में खेल से जुड़े सामानों की इंडस्ट्री को 4700 करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। फुटबॉल, बैडमिंटन, हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स, टेटे, वॉलीबॉल, फेंसिंग आदि खेलों का सामान बनाने वाले कारोबारियों के 1500 करोड़ रु डूबने की आशंका है। स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनियों को भी 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

अब सारे खेल बिना दर्शकों के ही खेले जाने हैं। एक सवाल ये उठता है कि जब मैच में दर्शक ही न हो तो खेलने का क्या फायदा? तो इसका सीधा सा जवाब यह है कि स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा स्टेडियम के दर्शकों से नहीं बल्कि ब्रॉडकास्टिंग और खेलों से जुड़े कई तरह के कारोबार से आता है। यही कारण है कि दुनियाभर के देश अब बिना दर्शकों के ही खेलों की इस दुनिया को रफतार देना चाहते हैं। इसके बावजूद इस साल स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। स्पेन को फुटबॉल इंडस्ट्री से 4.1 अरब यूरो (करीब 35 हजार 225 करोड़ रु.) का टैक्स मिलता है। यही कारण भी है कि स्पेन में कोरोना से 27 हजार से ज्यादा मौतों के बावजूद फुटबॉल ला लीग को फिर से शुरू कर दिया गया है।

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