जनप्रतिनिधिओं ने नहीं बताया आर्थिक संकट और लोगों की परेशानियां

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक
गुरुग्राम। जब मुख्यमंत्री कहीं आता है तो उस क्षेत्र के वासी यह विश्वास रखते हैं कि मुख्यमंत्री हमारी परेशानियों को देख उनका हल निकालेंगे, अच्छी आर्थिक मदद देंगे पर सोमवार को मुख्यमंत्री आए और अधिकारियों से मिले और चले गए।

गुरुग्राम विश्व के मानचित्र पर कोरोना के कहर के लिए प्रसिद्धि बना चुका है और कमाल यह है कि मुख्यमंत्री को पता नहीं कि क्या हो गुरुग्राम में। आए और अपने उन अधिकारियों से मिले, जिन्हें वह पहले अच्छे कार्य करने के लिए प्रशंसा पत्र सौंप चुके हैं। उन्होंने गुरुग्राम में अपने किए हुए कार्यों का ब्यौरा दिया और अधिकारी करेंगे भी क्या, यही तो उनकी ड्यूटी है।

मुख्यमंत्री कोरोना से पूर्व हफ्ते में तीन दिन गुरुग्राम होते हीे थे, उनके जानकार भी बहुत हैं। जवाहर यादव जो गुरुग्राम के ही निवासी हैं, वह भी साथ थे तो ऐसा मानना कि जवाहर यादव ने गुरुग्राम की यर्थात स्थिति का चित्रण मुख्यमंत्री को नहीं किया होगा, संभव लगता नहीं।

गुरुग्राम के चार विधायक हैं, कहने को चारों युवा हैं, जोशीले हैं परंतु आज कहां थे? जब मुख्यमंत्री को वह नहीं बता सकते कि हमारे पास साधन नहीं हैं, कोरोना वॉरियर को पीपीइ किट मास्क, सेनेटाइजर आदि देने के साधन उपलब्ध नहीं हैं और गुरुग्राम की जनता कोरोना से बुरी तरह त्रस्त है, साधनों का अभा है। कहावत है कि बिना मांगे तो मां भी दूध नहीं देती।

यदि यही कहावत मानी जाए तो यह माना जाए कि ये विधायक जनता के नहीं पार्टी के हैं और पार्टी के ही गीत गाने हैं, पार्टी की ही जी-हुजूरी करनी है, जनता की शिकायत ऊपर पहुंचाएं ही क्यों।
गुरुग्राम की जनता दहशत के साये में जी रही है। कहीं भी सेनेटाइज उचित तरीके से नहीं हो रहा है। मास्क, सेनेटाइजर बांटना केवल अपने-अपनों में है आम लोगों के लिए नहीं। अस्पतालों की दशा बहुत खराब है। गरीब आदमी के लिए इलाज कराना दूभर है। ऐसी स्थिति में भी जब जनप्रतिनिधि अर्थात पार्षद, विधायक जनता के साथ खड़े नहीं होंगे तो जनता तो यही कहेगी न कि ये सब जनता से वोट लेकर पार्टी को समर्पित हैं।

रविवार को वर्चुअल रैली थी। भाजपा को अपनी स्थिति स्पष्ट नजर आ गई। यद्धपि अपनी आदत के अनुसार भाजपा का आइटी सेल आज भी प्रचार कर रहा है कि हमारी रैली को 20 लाख लोगों ने देखा और विपक्ष की नींद उड़ गई। अरे भाई, जनता यह भी जानती है कि तुम बार-बार कहते हो कि हमारे 35 लाख तो सदस्य हैं। अर्थात भाजपा अनुसार भाजपा के सभी व्यक्तियों ने नहीं देखा।

कल ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ट्विटर पर आकर विज्ञप्ति भेजते हैं कि वह ट्विटर छाए रहे। संदेश यह रहा कि उनकी लोकप्रियता खट्टर से अधिक है। आज दिनेन खाप ने भी घोषणा कर दी कि सोनाली फौगाट को गिरफ्तार किया जाए। सारा कर्मचारी वर्ग परेशान है। लगता है कि भाजपा बैकफुट पर होते हुए भी वास्तविक स्थिति को समझना नहीं चाह रही।

आज जब सारा संसार विशेष रूप से गुरुग्राम कोविड-19 से ग्रसित है, ऐसी अवस्था में भाजपा जनता की परेशानियों को समझने की बजाय ब्याह के गीत गा रही है। अरे भाई, ब्याह के गीत गाने का भी समय होता है। जब घर-घर में मौत की आहट सुनाई दे रही हो तो ब्याह के गीत गाने वाला तो दुश्मन ही नजर आता है हमारी संस्कृति में।

कल विधायक गुरुग्राम की ओर से विज्ञप्ति आई थी कि 500 जगह वर्चुअल रैली का प्रसारण देखा गया। अब कहां से 500 की गिनती की, यह तो वही जानें लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी कहीं भी तो स्क्रीन नहीं दिखाई दी।

मुख्यमंत्री जी, जन आशीर्वाद यात्रा की तरह वर्चुअल रैली में मुग्ध न हों, जनता की सच्चाई को समझने की कोशिश करो। आपका दुष्यंत तो आज भी विकास के लिए फंड बांट रहा है और आप गुरुग्राम आकर भी संदेश देकर जाते हो कि जनता से जुर्माना वसूल करो और मास्क बांटो। सोच लो कि परिणाम क्या निकलेंगे।

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