पुलिस ने जब प्रदर्शनकारी महिलाओं को हटाने की कोशिश की तो वहां पुलिस के बीच और प्रदर्शनकरियों के बीच धक्कामुक्की शुरु हो गई.

सोनीपत. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की दूसरी बार सत्तासीन हुई सरकार में निर्दलीय विधायक से मंत्री बने रणजीत सिंह चौटाला पहली बार गोहाना के सिचांई विभाग के विश्राम गृह पहुंचे. जहां उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटान करने के लिए दरबार लगाया. मगर दरबार शुरु होने से पहले ही दरबार धरने और विरोध प्रदर्शन का स्थल बन गया. अंदर मंत्री जी लोगों की समस्याएं सुन रहे थे बाहर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से हटाये गये पीटीआई शिक्षकों का काली पटी बांधकर थाली फोड़ विरोध और धरना जारी रहा.

शिक्षक अंदर जाने के लिए घंटो तक तपती गर्मी में पुलिस के साथ जद्दोजहद करते रहे. मगर विश्राम गृह के दोनों गेटों को बंद करके पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये. शिक्षक काली पटी और काली चुनरी तथा थाली बजाते हुए अचानक विश्राम गृह के गेट पर पहुच गये, जिसे देखकर पुलिस के हाथ पांव फूल गये तथा किसी तरह से उन्हें गेट पर रोका दिया.

सीएम के खिलाफ लगाए नारे

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाये. कार्यक्रम खत्म होने से पहले ही जनता दरबार में पहुंचे सोनीपत के संसाद रमेश कौशिक वहां हो रहे विरोध को देखते हुए जनता दरबार को बीच में छोड़ कर निकल लिए. लेकिन जैसे ही सांसद रमेश कौशिक की गाड़ी ने रेस्ट हाउस से बाहर निकलने की कोशिश की तो हटाये गए पीटीआई टीचरों ने की गाड़ी का घेराव कर दिया और उन्हें काले बिल्ले और चुन्नी दिखाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी.

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की

पुलिस ने जब प्रदर्शनकारी महिलाओं को हटाने की कोशिश की तो वहां पुलिस के बीच और प्रदर्शनकरियों के बीच धक्कामुक्की शुरु हो गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से जबरदस्ती हटाया. वहीं दरबार निपटान के बाद बिजली मंत्री तुरंत शिक्षकों से मिलने पहंचे तथा उनकी बात सुनी और इस दौरान कई बार शिक्षकों और मंत्री के बीच बहस हुई. उन्होंने कहा कि वे आपकी बात को सीएम तक पहूंचा देंगे.

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