कहा- हर आम और ख़ास के लिए सरकार को करनी चाहिए इलाज की उचित व्यवस्था
बीजेपी की वर्चुअल रैलियों पर बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा
डिजिटल संवाद से नहीं है कोई आपत्ति, फिलहाल सिर्फ कोरोना की टेस्टिंग और इलाज पर ज़ोर दे सरकार- हुड्डा
विपक्ष में होने के बावजूद हम फिलहाल नहीं कर रहे कोई सियासी आयोजन, राजनीति से ऊपर है लोगों की जान- हुड्डा

14 जून, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वरिष्ठ नेता चंद्रावती के इलाज में हुई कोताही को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। हुड्डा का कहना है कि हरियाणा की पहली महिला सांसद और पुडुचेरी की उप-राज्यपाल रही चंद्रावती को प्रोटोकॉल के मुताबिक उचित सरकारी इलाज मिलना चाहिए था। लेकिन पीजीआई रोहतक में उन्हें कमरा तक नहीं दिया गया। इसलिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाना पड़ा। इससे पहले पूर्व सीएम मास्टर हुकम सिंह के इलाज में भी ऐसी ही कोताही देखने को मिली थी।

हुड्डा ने कहा कि अगर चंद्रावती के इलाज की व्यवस्था पीजीआई में नहीं हो सकती थी तो सरकार को उनके लिए किसी अन्य सरकारी संस्थान में व्यवस्था करनी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। एक वरिष्ठ महिला नेता की बेकद्री दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा सरकार को हर आम और ख़ास को उचित इलाज मुहैया करवाना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी की वर्चुअल रैलियों पर एक बार फिर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम से संवाद पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सरकार ही नहीं, तमाम नेता आज तकनीक के ज़रिए लोगों और मीडिया से संवाद कर रहे हैं। लेकिन संक्रमण के दौर में राजनीतिक प्रचार के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी करना और उनकी जान जोखिम में डालना ग़लत है। जिस तरह से केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि वो वर्चुअल रैलियों में 700 से 750 लोगों को इक्ट्ठा करेंगे, जिस तरह करनाल से बीजेपी सांसद ने कुछ दिन पहले गोहाना में लोगों की भीड़ इकट्ठा की, जिस तरह से आज भी सरकार के मंत्री लोगों का मजमा लगाए नज़र आए, जिस तरह बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग और MHA की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई गईं, ऐसा करना संक्रमण के दौर में ख़तरनाक हो सकता है।

अगर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी का यही रवैया रहा तो दिल्ली, मुम्बई या गुजरात जैसे हालात हरियाणा में भी हो सकते हैं

।भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विपक्ष में होने के बावजूद हम इस कोरोना काल में किसी तरह का राजनीतिक आयोजन फिलहाल नहीं कर रहे हैं। क्योंकि अपनी राजनीति चमकाने के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ सही नहीं है। मेरा मानना है कि आज संक्रमण रोकने के लिए लोगों के बीच मास्क और सैनेटाइजर बांटने की ज़रूरत है, ना कि पार्टी प्रचार के लिए पर्चे बांटने की। आज कोरोना की जांच के लिए टेस्टिंग कैंप आयोजित करने की ज़रूरत है, ना कि राजनीतिक रैलियों की। फिलहाल सरकार का पूरा ज़ोर कोरोना के प्रति जागरूकता, टेस्टिंग और इलाज पर होना चाहिए है।

error: Content is protected !!