चंडीगढ़,12 जून।सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि सरकार कोरोना को अवसर के तौर पर प्रयोग करके ठेका कर्मियों की बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी और जन सेवा के विभागों में निजीकरण एवं रेशनलाईजेशन की नीतियां लागू कर कर्मचारियों को बड़े आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि अगर सरकार ने 15 जून तक कोरोना योद्वा 11 हजार स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों की छंटनी पर रोक नहीं लगाई और छंटनी किए गए 1983 पीटीआई को पुन: ज्वाइनिंग के विकल्पों पर गौर नहीं किया तथा मार्किट कमेटी के सेक्रेटरी के हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया  तो सभी विभागों के कर्मचारी सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे।

उन्होंने यह धोषणा शुुक्रवार को विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए आयोजित रा’य कार्यकारिणी की मीटिंग में बोलते हुए की। मीटिंग में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री अनिल विज की वादाखिलाफी के खिलाफ नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा  6-7-8 जुलाई को की जाने वाली तीन दिवसीय हड़ताल और रोड़वेज में बस रुट परमिटों के खिलाफ तालमेल कमेटी के आंदोलन का समर्थन करने का फैसला लिया गया। मीटिंग में हरियाणा टुरि’म, बहुतकनीकि विभाग सहित अनेक विभागों के कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग की गई।

मीटिंग में सरकार द्वारा रोड़वेज हड़ताल के दौरान 26,30-31 अक्टूबर,2018 व 8 जनवरी,2020 की राष्टÑीय हड़ताल के अनुपस्थित को लीव आफ काइंड ड्यू करने के लिए सरकार का आभार भी व्यक्त किया गया और उस दौरान के सभी मुकदमे वापस लेने और कच्चे कर्मचारियों की भी लीव पास कर वेतन देने की मांग की गई।

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