मनुष्य को संकल्प लेना चाहिए, गो सेवा जरूर करेंगे : रामबिलास शर्मा

-सच्चे मन से गौ माता की सेवा करने से मनुष्य को 100 तीर्थ करने के बराबर पुण्य मिलता है।

भिवानी, 11 जून। गौ सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाती गौ सेवा करना सबसे बड़े पुण्य का कार्य है। उक्त बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने  राधाकृष्ण गौशाला महेंद्रगढ़,सतनाली गौशाला व बुचीयावाली गौशाला महेन्द्रगढ़ में छत्तीसगढ़ से तीन गिर नस्ल के बछड़े मंगावा कर गौशाला संचालको को सौंपते हुए कही।

उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में गोधन को मुख्य धन मानते आए हैं और हर प्रकार से गौरक्षा, गौसेवा एवं गौपालन पर ज़ोर दिया जाता रहा है। हमारे हिन्दू शास्त्रों, वेदों में गौरक्षा, गौ महिमा, गौ पालन आदि के प्रसंग भी अधिकाधिक मिलते हैं। रामायण, महाभारत, भगवद् गीता में भी गाय का किसी न किसी रूप में उल्लेख मिलता है। गाय, भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है। गौ पृथ्वी का प्रतीक है। गौमाता में सभी देवी-देवता विद्यमान रहते हैं।

सभी वेद भी गौमाता में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने कहा कि गौ माता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। गौ माता की सेवा करने के बदले मनुष्य 100 गुना पुण्य का भागीदार बन जाता है। सच्चे मन से गौ माता की सेवा करने से मनुष्य को 100 तीर्थ करने के बराबर पुण्य मिलता है। मनुष्य को हर संकट से मुक्ति मिलती है।

उन्होंने कहा कि मनुष्य को संकल्प लेना चाहिए कि वह अपने व्यस्त समय में से समय निकालकर गो सेवा जरूर करेंगे। वही मनुष्य को अपने घर में  एक गाय अवश्य पालनी चाहिए। वे खुद 15 गायो की सुबह शाम सेवा करके आन्दमय रहतेे है। 

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