केंद्र सरकार से की अधिकारियों को NFSSU और OGAS का लाभ देने की मांग
अपने वादे और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लागू करे केंद्र सरकार- सांसद दीपेंद्र
सैन्य अधिकारियों के हक़ में फ़ैसला लेने में नहीं बरती जाए कोताही- सांसद दीपेंद्र
9 जूनः राज्यसभा सांसद और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा अर्ध सैनिक बलों के समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि सरकार CAPF (सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स) के अफ़सरों की मांगों को मानने में कोई कोताही ना करे। BSF, CRPF, ITBP, CISF और SSB के अधिकारी लंबे वक्त से NFSSU (नॉन फंक्शनल फाइनेंशियल अपग्रेडेशन) यानी कि गैर-कार्यात्मक वित्तीय उन्नयन और OGAS (ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप ए सर्विसेज) यानी कि संगठित सेवा लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल के ऐलान के बावजूद अधिकारियों को इसका लाभ प्राप्त नहीं दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिकारियों के हक़ में फ़ैसला सुनाया है। ख़ुद केंद्र सरकार ने चुनावों से पहले इसे लागू करने का ऐलान किया था। लेकिन आज तक ये फ़ैसला लागू नहीं किया गया।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आग्रह किया है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और सुप्रीम कोर्ट ने आदेशों की पालना करे। अगर सरकार अधिकारियों को प्रमोशन नहीं दे पा रही है तो उन्हें उनके कैडर के हिसाब से वेतन दिया जाना चाहिए। क्योंकि प्रमोशन ना मिलने की वजह से अधिकारियों को कई-कई साल एक ही पोस्ट पर सेवाएं देनी पड़ती हैं। जिस तरह से रेलवे में OGAS दिया जाता है, इसी तरह CAPF को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
अर्ध सैनिक बलों की पांचों फोर्सिस में करीब 11 लाख सैनिक और अधिकारी हैं। ये हर वक्त देश की सुरक्षा के लिए सीमा से लेकर अंदरूनी मोर्चों पर तैनात रहते हैं। चाहे कश्मीर में उग्रवाद से निपटना हो या माओवादी विद्रोह से, भारतीय सीमाओं की सुरक्षा और पवित्रता सुनिश्चित करनी हो, चाहे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता, अर्ध सैनिक बल हर ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभाते हैं। इसलिए सैन्य अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहन देना सरकार की ज़िम्मेदारी है। क्योंकि हमारे अर्ध सैनिक बल देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर मुसीबत में ये सुरक्षा बल सबसे आगे रहकर मोर्चा संभालते हैं। अगर सरकार इनके हक़ में फ़ैसला लेती है तो हमारे सैन्य बलों का हौसला बढ़ेगा।
देश की सबसे बड़ी अदालत भी आर्टिकल 14-16 के आधार पर सैन्य अधिकारियों के पक्ष में अपना फ़ैसला सुना चुकी है। पूर्व सैन्य अधिकारियों से लेकर देश के कई गणमान्य लोग इनके समर्थन में लगातार मुहिम चला रहे हैं। पूरे देश की भावनाएं हमारी सेनाओं के साथ जुड़ी हैं। इसलिए सरकार को इन भावनाओं की कद्र करते हुए बिना देरी के अधिकारियों को NFSSU और OGAS का लाभ देना चाहिए।