● कानून को हाथ में लेना गलत, पुलिस भाजपा नेत्री की जल्द करें गिरफ्तारी ● सरकार के लोग खुलेआम दे रहें हैं आपराधिक घटनाओं को अंजाम ● कोविड 19 में कर्मचारियों को सम्मान की जगह पिटाई  ● इससे पहले हांसी एसडीएम और भाजपा महामंत्री विवाद मामले को भी दबाया।

07 जून, (हप्र)। हिसार के बालसमंद में भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट द्वारा मार्केट कमेटी के सचिव के साथ हुई मारपीट की घटना से प्रदेश की राजनीति में वाद विवाद बढ़ता नज़र आ रहा है। हरियाणा राज्य महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश पांचाल ने मामले में पीड़ित सचिव को न्याय दिलवाने के लिए आवाज़ उठाई।              

कमलेश पांचाल ने कहा महिलाएं संवैधानिक व कानूनी अधिकारों का दुरुपयोग ना करें। ऐसी घटनाओं से संविधान की मर्यादा को खतरा पहुँचाती हैं। ये समाज पुरूष और महिलाओं दोनों के सन्तुलन से बना है। पुरुष भी समाज का अहम हिस्सा, किसी का भाई, पति व बेटा है। पांचाल ने भाजपा नेत्री को नसीहत देते हुए कहा कि सत्ता का दुरुपयोग करना बंद करें और अपनी गलती छुपाने के लिए कानूनी उपबन्धों का न करें प्रयोग।             

 पूर्व चेयरपर्सन कमलेश पांचाल ने भाजपा नेत्री पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोनाली को स्टंट की राजनीति छोड़ लोगों से जुड़कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहाँ पूरा विश्व कोरोना की महामारी से जूझ रहा है सरकारी कर्मचारी जान को खतरे में डालकर अपनी नौकरी कर रहें हैं उन्हें सम्मान देने की जगह चप्पलों से पिटाई, ऐसी हरकतें करके भाजपा नेत्री ने इंसानियत को भी शर्मशार किया है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आता कि इतना समय बीतने के पश्चात भी सरकार क्यों मौन धारण करें हुए है।                

कमलेश पांचाल ने कहा कि जो वीडियो वायरल है उसे देखने से भाजपा नेत्री के विरुद्ध धारा 183, 186, 188, 332, 353, 323, 506 आईपीसी तथा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करके तुरंत गिरफ्तारी की जानी चाहिए जिससे भविष्य में कोई भी कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की भी न सोचे । वीडियो में नेत्री बिना मास्क लगाए हुए थी इसलिए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 का अपराध भी कारीत होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों में सरकार द्वारा जांच करने का झांसा देना कानून के साथ एक भद्दा मजाक है। जब कोई भी संगेय अपराध किया जाता है, उसमें अपराधी को तुरंत गिरफ्तार किया जाता है तथा नॉन कंपाउडेबल अपराध में पुलिस को राजीनामा कराने का कोई अख्तियार नहीं होता है। पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि ऐसे मामलों में वीडियो वायरल होने पर बिना शिकायतकर्ता के भी पुलिस को मुकदमा दर्ज करके तुरंत गिरफ्तारी करनी होती है।              

 पूर्व चैयरपर्सन ने कहा कि इससे पहले हांसी के एसडीएम के साथ बीजेपी के जिला महामंत्री ने अपने पद का रोब दिखाते हुए जो दुव्र्यवहार किया था, उसमें सरकार ने क्या कार्यवाही की और बार बार ऐसी घटनाएं हो रही है। क्या इसकी सरकार जिम्मेदार है?

 पांचाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस मामले में उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। जो अधिकारी दिन-रात मेहनत करतें है ऐसी घटनाएं प्रदेश के अधिकारियों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण तो हैं ही साथ ही उनके कार्य करने के मनोबल को भी गिरता है और ऐसी घटना भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े करती हैं। 

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