पंचकूला। कंजूमर एसोसिएशन पंचकूला ने  विश्व पर्यावरण दिवस मनायाl विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कंज्यूमर एसोसिएशन पंचकूला ने एक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया l कार्यशाला के दौरान संस्था के प्रधान एनसी राणा ने विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी दें उन्होंने बताया कि 1974 से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, जिसमें 143 देश से ज्यादा हिस्सा लेते हैं। यह यूनाइटेड नेशन का महत्वपूर्ण अभियान है, जिसे प्रदूषण, अत्यधिक-जनसँख्या,ग्लोबल वार्मिंग व जंगली पशुओ पर किये जाने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए शुरू किया गया था।

 संस्था के महासचिव वीके शर्मा ने बताया केअभी कोरोना वायरस के फैलने के कारण लगभग सभी देश लॉकडाउन के स्थिति से गुजर रहे है, लोग घरों से बाहर नहीं जा पा रहे है, हम मनुष्य तो सालों से ही कई जंतुओं के घरों को ही उजाड़ रहे है। अगर हम जैव वविधता के साथ खिलवाड़ करेंगे तो अंजाम भी अच्छा नहीं होगा। महामारी तो कुछ समय बाद चली जाएगी, फिर चाहे ज्यादा लोगों को मार कर या दवा बन जाने से लोगों के स्वस्थ हो जाने से, लेकिन कुछ रह जाएगा तो वो है प्रदूषण, गंदी नदियां, उजड़े जंगल, इन सब को ठीक करना छोटी बात नहीं है। प्रदूषण सालों के पहले किए गए इंतजामों से ही काबू में रहेगा। अगर अभी हम प्रकृति के बारे में नहीं सोचेंगे तो शायद भविष्य में कभी हमें सोचने का मौका भी ना मिले, और हमारी आने वाली पीढ़ियां अपनी पूरी जिंदगी लॉकडॉउन जैसे माहौल में बिताए, जिसमें वे बिना मास्क लगाए बाहर ना निकल सके।

 संस्था के वरिष्ठ उपप्रधान  कैसी जिंदल तथा r.l. सेतिया ने बताया की पर्यावरण को बचाने के लिए हमें इसके बारे में सिर्फ पर्यावरण दिवस के दिन ही नहीं सोचना होगा, बल्कि हमें हर दिन इसके बारे में कुछ करना होगा। 

• हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वो अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक अच्छा माहौल प्रदान करे, इस जिम्मेदारी को हमें निभाना है।

• जिस तरह हम हर इंसान के जिंदगी का आदर करते है, अपने खिलाफ हुई कोई भी अन्याय को लेकर कचहरी तक का दरवाजा पीटते है, हमें समझना होगा कि जानवरो की जिंदगी भी महत्वपूर्ण है, हमें उनका आदर करना होगा, और उनके खिलाफ कोई अन्याय बर्दास्त नहीं करना होगा। संस्था के वरिष्ठ उपप्रधान कर्नल  गोपाल  तथा मुख्य सलाहकार एम एल गुप्ता  ने बताया कि पर्यावरण को लेकर हमें अब सबसे ज्यादा सजग रहना होगा, उन संसाधनों का इस्तेमाल छोड़ना होगा जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हैं।वरिष्ठ सदस्य आर एल खंडूजा एसएस सैनी विनय रोहिल्ला ने बताया की हमेंहानिकारक चींजे जो पर्यावरण को बचाने के लिए छोड़ना होगा।

• हमें पेट्रोल और डीजल युक्त गाड़ियों का इस्तेमाल छोड़ना होगा, हमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी जैसी गाड़ियों को ही इस्तेमाल करना होगा, सरकार को चाहिए कि वे बाजार में ऐसी ही गाड़ियों को लाने में निजी कंपनियों की सहयोग करे।

• भारत में आज भी ईट-भट्टो के चिमनियों से निकलने वाला धुआ काफी ज्यादा मात्रा में प्रदूषण फैला रहा है, हमें इसके विकल्प की तलाश करनी होगी, जोकि सीमेंट से बने ईटो का इस्तेमाल है।

• पेड़ो की कटाई पर रोक लगानी होगी, तथा ऐसा करने वालो पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। इस कार्यशाला में संस्था के अन्य मेंबरों ने यथा योग सहयोग किया

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