भिवानी/शशी कौशिक। हम प्रकृति के जितने नजदीक रहेंगे हमारा जीवन उतना ही स्वस्थ एवं सुखमय होगा। हमें प्रकृति के संग मैत्रीपूर्ण संबंध रखने होंगे नहीं तो संपूर्ण मानव जीवन खतरे में पड़ जायेगा। प्राकृतिक संसाधनों में संतुलन एवं प्रबंधन आज समय की आश्यकता है। ये विचार चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर के मित्तल ने विश्वविद्यालय के पृथ्वी, पर्यावरण और आंतरिक्ष विज्ञान संकाय के सौजन्य से आयोजित ऑनलाइन दो साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन अवसर पर बतौर समारोह अध्यक्ष संबोधित करते हुए कहे। उन्होंनें कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सबके सहयोग से ही संभव है। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के अनावश्यक दोहन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हम समय रहते नहीं संभले तो संपूर्ण मानव जीवन खतरे में पड़ जायेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के पृथ्वी, पर्यावरण और आंतरिक्ष विज्ञान संकाय के द्वारा आयोजित दो साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को सफल एवं सार्थक बताते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में कुल देश विदेशों से 42 भूगोलवेताओं एवं भूगर्भिक विशेषज्ञों ने अपने विशेष व्याख्यान 42 सत्रों में दिए। कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक गुजरात से लेकर असम तक देश के 24 राज्यों के प्रतिष्ठित 70 विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों, अनुसंधान एवं अध्ययन केंद्रों से 250 भूगोलवेत्ताओं ने पर्यावरण, प्रकृति, आपदा प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं विकास, हिमालय, एंटार्कटिक, सियाचिन ग्लेशियर सहित अनेक भूगर्भीय विषयों पर विशेष व्याख्यान, विस्तृत विचार विमर्श एवं पारस्परिक संवाद द्वारा गहनता से विचार विमर्श हुआ। दो साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन अवसर कुलसचिव डॉ.जितेन्द्र भारद्वाज एवं डीन प्रो.संजीव कुमार की ऑनलाइन गरीमामई उपस्थित रही। संयोजक डॉ.पवन कुमार ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल संचालन किया। इस प्रोग्राम में अमेरिका, नेपाल, बंगलादेश के भूगर्भ विशेषज्ञों ने भी ऑनलाइन सहभागिता की। Post navigation भिवानी में कोरोना का कहर जारी, 5 नए नए पोजिटिव केस पाए गए पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए मिट्टी के सकोरे रखने का अभियान है जारी: कमल प्रधान