महचाना में पटौदी-फर्रूखनगर सड़क मार्ग एक घंटे किया जाम.
ग्रामीणों को एक घंटे की मशक्कत के बाद समझाने में सफल.
अभी तो सही प्रकार से गरमी पड़ना आरंभ भी नहीं हो सकी

फतह सिंह उजाला

पटौदी। अभी तो गरमी सही प्रकार से शुरू भी नहीं हुई, तो एक तरफ कोरोना महामारी का भय। ऊपर से एक माह से पेयजल संकट से परेशान पटौदी क्षेत्र के पूर्व एमएलए एवं भाजपा नेता के गांव महचाना वासियों का सब्र हदें पार का रविवार को जवाब दे गया ।  गुस्साई महिलाओं ने सड़क पर खाली मटके, बर्तन लेकर लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकि विभाग के खिलाफ रोष स्वरुप फर्रुखनगर- हेलीमंडी मार्ग पर जाम लगा दिया। गुस्साये ग्रामीणों ने सड़क पर खाली मटके भी तोडे़।

ग्रामीणों ने सड़क जाम की सूचना जिला उपायुक्त गुरुग्राम, उप मंडल अधिकारी पटौदी (ना.) को दी तो जनस्वास्थ्य विभाग के जेई अजय कांगडा अपनी टीम व पुलिस टीम सिहत मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद समझाने में सफल हुए और आश्वान दिया कि सांय के समय ही पेयजल की सप्लाई सुचारु रुप से शुरु हो जाएगी। तथा तीन चार दिन में खामियों को दूर कर दिया जाएगा। पेयजल संकट का मुख्य कारण पर्याप्त बिजली नहीं मिलने, मोटर जलने के कारण उत्पन्न हुई है। ग्रामीणों ने जाम खोलते हुए चेतावनी भी दे डाली की अगर शिघ्र समाधान नहीं हुआ तो वह सड़क जाम के अलावा भूख हडताल पर भी बैठने से गुरेज नहीं करेंगे। जाम करीब दो घंटे तक चला।

गांव में नहर, जोहड़ भी सुखे पडे

लम्बरदार मुकेश कुमार, कंवर सिंह लम्बरदार, दिल्ली पुलिस के पूर्व अधिकारी मोहन सिंह शर्मा, ललीत कुमार , चैधरी अतर सिंह, संजय कुमार, मोहन शर्मा, उमेद सिंह, जयवीर, उषा देवी, मुन्नी देवी, रेखा, तेजपाल चैहन आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव महचाना में पिछले एक माह से पेयजल की समस्या विकराल रुप धारण किए हुए है। चिलचिलाती धूप, कोरोना महामारी के बीच पेयजल के लिए ग्रामीण भटक रहे है। नमकीन पानी पीने को मजबूर है। कपडे दोहने, नहाने, पशुओं को पानी पिलाने के लिए भी पानी नहीं है। गांव में नहर, जोहड़ भी सुखे पडे है। गांव का भूमिगत पानी नमकीन है। जो बिल्कूल भी पीने योग्य नहीं है। गांव महचाना में पेयजल खंडेवला सीमा क्षेत्र में लगे हुए टयूबैल से सप्लाई की जाती है। दोंनों गांव के बीच खेत में दर्जन भर से अधिक लोगों अवैध रुप से पानी के कनैक्सन पाइप लाइन से किए हुए है। वह किसान पीने के पानी से पशुचारे की सिंचाई करते है।

पानी पूरे प्रेसर से नहीं पहुंचता

गांव महचाना तक पानी पूरे प्रेसर से नहीं पहुंचता है। जिसके कारण आधा गांव पेयजल से वंचित रह जाता है। 500 से 700 रुपए में हेलीमंडी से पानी का टैंकर मंगवा कर काम चलाया जा रहा है। गरीब परिवार के लोग पेयजल के लिए दिन भर खाली मटके, बर्तन उठाये दिन भर गलियों में दर दर पानी के लिए भटकते है। उन्होंने बताया कि गांव महचाना की यह समस्या नासूर बन चुकी है। हर वर्ष इन्ही दिनों में जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उन्हे पेयजल के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। नेता लोग केवल वोट मांगने ही आते है। लेकिन गांव की समस्या से उन्हें कोई सरोकार नहीं है।

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