चेतावनी जल्द समस्या का समाधान नहीं, तो करेंगे प्रर्दशन.
24 घंटों में मुश्किल से 5 से 6 घंटे ही बिजली दी जा रही

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 फर्रुखनगर शहर व ग्रामीण इलाके में पिछले दो माह से चल रही आंख मिचैनी से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। शुक्रवार को दर्जनों किसान बिजली की समस्या को लेकर बिजली दफ्तर पहुंचे तो एसडीओ जोगिंद्र कौशिक की अनुउपस्थिति में जेई चेतन शर्मा को अपना दुखड़ा सुनाया और कहा कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह प्रर्दशन के लिए मजबूर हो सकते है।

किसान नेता राव मानसिंह, मास्टर जेपी यादव, रामबीर यादवप, औमप्रकाश, ईश्वर सिंह यादव, अधिवक्ता मनोज यादव आदि ने बताया कि गत एक सप्ताह से झुलस देने वाली लू में किसानों का बुरा हाल है। पेयजल व्यवस्था भी चर्मारा गई। बिजली कटौती के कारण पशुओं के लिए पीने के पानी की भी किल्लत बन गई है। किसानों को 24 घंटों में मुश्किल से 5 से 6 घंटे ही बिजली दी जा रही है। वो भी किस्तों में बिजली कब गुल हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अगर किसी गांव में बिजली की लाइन में कोई फाल्ट आ जाता है तो पूरेू पूरे दिन बिजली के दर्शन हीं होते है। लोगों खेतों में पेड के नीचे झुलसती गर्मी से रहात पाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इनवेटर भी पर्याप्त बिजली नहीं आने से पूरे चार्ज नहीं होंते है।

कोरोना के चलते बच्चे भी घर पर ही रहते है। बिना बिजली के उनहीं पढ़ाई भी पूरी नही हो पा रही है। उन्होंने कहा कि फर्रुखनगर शहर व गांव से जुडी सभी ढ़ाणियों को जगमग योजना से जोडा जाये। किसानों के घर व टयूबलों के मीटर कनैक्सन भी अलग है। शहर की ढाणियों में रहने वाले किसान स्ट्रीट लाईट के रुप में एमसी टैक्स भी देते है। बावजूद भी उन्हें बिजली सरकार व विभाग द्वारा जारी शैडयूल के अनुरुप बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि शहर की ढ़ाणियों कों जोडने वाले डाबोदा व कारौला फीडर पर ऐसी जगह सक्रिट लगाया जाये ताकि जहां तक लाइन में फाल्ट हो वहीं तक के उपभोक्ता बिजली गुल से प्रभावित हो। सभी नहीं।

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