-चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में चल रहे कमीशनखोरी के खेल पर जागा स्वास्थ्य विभाग -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की शिकायत पर पीएमओ ने जारी किए चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए आदेश भिवानी, 15 मई। भिवानी के चौ. बंसीलाल जिला नागरिक अस्पताल में मरीज को रैफर करने से लेकर ऑप्रेशन थियेटर तक में चल रहे दलालों और चिकित्सकों के बीच कमीशनखोरी के खेल में स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को शिकायत किए जाने के बाद एनएचएम के निदेशक को जांच की जिम्मेवारी सौंपी थी। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में व्यापक स्तर पर जांच करने के बाद प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने आदेश जारी किए गए हैं कि कोई भी चिकित्सक अब बाहरी लैब से टेस्ट और एक्सरे किसी मरीज के नहीं लिखेगा और किसी भी बाहरी व्यक्ति व लैब संचालक को चिकित्सक अपने पास नहीं बैठने देगा। अक्सर सरकारी अस्पताल में बाहरी लैब संचालक मरीजों का इलाज करने के बहाने उन्हें चिकित्सकों से सांठगांठ कर कमीशनखोरी के चक्कर में अपने जाल में फांस लेते थे। इसी के साथ प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने यह भी आदेश जारी किया है कि कोई भी इमरजेंसी से मरीज रैफर किए जाने पर केवल सरकारी एंबुलेंस ही भेजी जाएगी। कोई भी प्राइवेट एंबुलेंस चालक सरकारी अस्पताल परिसर में दाखिल नहीं होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि अक्सर प्राइवेट एंबुलेंस चालक अस्पताल परिसर में इधर उधर घुमते हैं, जिससे अस्पताल व विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि उन्होंने भिवानी चौ. बंसीलाल जिला नागरिक अस्पताल में मरीज को रैफर किए जाने से लेकर ऑप्रेशन थियेटर तक बाहर से सामान मंगवाने में दलालों और चिकित्सकों की कमीशनखोरी की शिकायत दस अगस्त 2019 को शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को दी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 सितंबर 2019 को एनएचएम के निदेशक को मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद 22 जनवरी 2020 को जांच कमेटी के सामने बृजपाल सिंह परमार ने व्यक्तिगत रूप से जांच शामिल होकर मामले से जुड़े तथ्य रखे। इसके बाद फिर आठ मई 2020 को जांच कमेटी के समक्ष दोबारा से जांच में शामिल होकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया। जांच कमेटी के बाद चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने 14 मई 2020 को दो अलग अलग आदेश जारी कर दिए। एक आदेश में चिकित्सकों पर बाहरी लैब से टेस्ट और एक्सरे नहीं कराए जाने और बाहरी लैब से जुड़े लोगों को अस्पताल परिसर में दाखिल नहीं होने देने के आदेश दिए हैं। इसी के साथ दूसरे आदेश में रेफर मरीज को केवल सरकारी एंबुलेंस में ही भेजने के सख्त हिदायतें दी हैं और प्राइवेट एंबुलेंस चालकों को अस्पताल में प्रवेश नहीं देने के आदेश दिए हैं। ये चल रहा था चिकित्सकों और दलालों की मिलीभगत का अस्पताल में कमीशनखोरी का खेल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि भिवानी के चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में पिछले लंबे अर्से से चिकित्सकों की दलालों के साथ सांठगांठ चल रही थी। जिसमें चिकित्सकों का मोटा कमीशन होता था। बृजपाल सिंह ने बताया कि एक मरीज ऑप्रेशन में 2600 रुपये की प्लेट को आठ हजार रुपये में उपलब्ध कराया गया था। ये सामान सिर्फ एक ही निर्धारित दुकान से खरीदने की मरीज को सख्त हिदायतें दी गई थी। इसमें चिकित्सक का मोटा कमीशन होता था। ये दुकानदार ही अकेला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर के अंदर मरीज के लिए इस्तेमाल होने वाला सामान उपलब्ध कराता रहा। जिसके काफी सबूत थी जांच के दौरान कमेटी के समक्ष रखे गए थे। Post navigation कोविड-19 महामारी पर जागरूकता लाने के लिए ऑनलाईन प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता के आवेदन/ पंजीकरण की तिथि 11 मई से बढ़ाकर 15 मई, 2020 की गई COVID-19 की गलत रिपोर्ट देने का आरोप, दादरी सीएमओ पर. बंद कमरे में हुई पूछताछ