देश व प्रदेश में भारतीय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार को उद्योगपतियों को विशेष पैकेज देने चाहिए – बजरंग गर्ग
देश व प्रदेश में व्यापार व उद्योग बढ़ने से सरकार को पहले से ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होगी और लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा – बजरंग गर्ग

चण्डीगढ़ – अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने व्यापारी व उद्योगपतियांे से बातचीत करने के उपरान्त कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में उद्योग धंधे चालू करा रही है जो उचित है। मगर देश में ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण व दिल्ली से हरियाणा में कच्चे माल की सप्लाई बंद होने के कारण कैसे प्रदेश में उद्योग धंधे चल पाएंगे। यहां तक कि उद्योगों को चलाने के लिए कच्चे माल की बड़ी भारी दिक्कत है और देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने से समान की ग्राहकी नहीं है और प्रवासी मजदूरों की हरियाणा से घर वापस जाने के कारण लेबर की भी उद्योगों में बड़ी भारी दिक्कत है इतना ही नहीं माल की प्रोडक्शन भी पहले से लगभग 30 प्रतिशत कम होनी है। इन समस्याओं को देखते हुए उद्योगपति को उद्योग से मुनाफा आने की बजाय नुकसान ना आ जाए उसकी बड़ी भारी चिंता है। 

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि जबकि भारतवासियों को चीनी माल का बहिष्कार करना चाहिए। सरकार को चीनी कंपनियों को बढ़ावा देने की बजाय देश व प्रदेश में भारतीय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ठोस से ठोस कदम उठाने चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि देश व प्रदेश में भारतीय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार को उद्योगपतियों को विशेष पैकेज देने चाहिए। कम से कम 6 महीने के लिए बैंकों के ब्याज माफ, बिजली के बिलों में 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ-साथ मिनिमम फिक्स चार्ज खत्म करना चाहिए, लोन लेने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए, यहां तक कि पूरे विश्व में जीएसटी की दरें सबसे ज्यादा भारत देश में है सरकार व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए व महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए जीएसटी की दरें कम करनी चाहिए। देश व प्रदेश में व्यापार व उद्योग बढ़ने से सरकार को पहले से ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होगी और लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी ज्यादा से ज्यादा सुविधा व रियायते सरकार को देनी चाहिए। ताकि गांव स्तर पर छोटे छोटे उद्योगों के माध्यम से गांव में ही महिलाएं व युवाओं को रोजगार मिल सके।

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