चण्डीगढ़ – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने आयल मिलर व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि एक तरफ तो सरकार उद्योगों को चलाने की बात कर रही है दूसरी तरफ आयल मिल जो मंडियों व पड़ोसी राज्यों से सरसों खरीद करते थे उस पर रोक लगाकर आयल उद्योगों को बंद करने पर तुली हुई है।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि जबकि सदियों से सरसों मंडी के आढ़तियों के माध्यम से खुली बोली में बिकती आ रही है तो सरकार बार-बार नए-नए नियम बनाकर आढ़ती, किसान व मिलरो को तंग क्यों कर रही है। अगर सरसों आढ़ती के माध्यम से नहीं बिकेगी तो मंडी में आढ़ती दुकान करके क्या करेगा। अगर मिलरो को सरसों नहीं मिलेगी तो हरियाणा में तेल मिल बंद हो जाएगी। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरसों की मंडियों में बोली बंद करना सरासर गलत है। यह किसान, आढ़ती व मिलर विरोधी फैसला है।

श्री गर्ग ने कहा कि सरकार बार-बार यह कह रही है कि सरसों का एक-एक दाना खरीदेगी। जबकि 15 अप्रैल से हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने के बावजूद भी सरकार ने सरसों की पैदावार का लगभग 40 प्रतिशत भी सरसों नहीं खरीदी है। जबकि किसान की लगभग सरसों मंडियों में आ चुकी है। जबकि प्रदेश का किसान मंडियों में सरसों व गेहूं बेचने के लिए काफी समय से धक्के खा रहा है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार सरसों, कपास, बाजरा, मूंग आदि अनाज की खरीद आढ़तियों के बजाय सीधे किसानों से कर रही है ऐसे में हरियाणा सरकार द्वारा मंडियां बनाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। सरकार ने हरियाणा मार्केट बोर्ड बनाया हुआ है। प्रदेश में जगह-जगह मंडिया बनाई हुई है ओर अब भी नई नई मंडीयां बनाई जा रही है।

आढ़तियां को अनाज खरीद के लिए मार्केट बोर्ड द्वारा लाइसेंस दिए हुए हैं। जबकि आढ़ती मार्केट बोर्ड को लाईसेंस फ्रीस व मार्केट फ्रीस के अलावा जीएसटी व इंकम टैक्स, हाउस व आदि प्रकार के टैक्स दे रहा है। उसके बावजूद भी सरकार अनाज खरीद में आढ़तियों को बाहर करना चाहती है। अगर अनाज की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं होगी तो जो आढ़त के व्यापार में लगभग 40 हजार आढ़ती, लाखों मुनिंम कर्मचारी व लाखों मजदूर लगे हुए हैं वह बेघर हो जाएंगे। एक तरफ तो सरकार व्यापार व उद्योग को बढ़ावा देने की बात कर रही है दूसरी तरफ आढ़तियों व मजदूरों के मुंह का निवाला छीनने में लगी हुई है।

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