केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बताया है कि राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार सिडिंग के दौरान 3 करोड़ राशनकार्ड फर्जी पाए गए जिन्हें रद्द किया गया है. आपको बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब योजना (पीएमजीएवाई) के तहत जून तक तीन महीने के लिए प्रत्येक राशनकार्ड धारक को मुफ्त एक किलो दाल वितरित करने का फैसला किया है.

क्यों रद्द हुए राशन कार्ड- सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आधार और राशन कार्ड लिंकिंग जरूरी है. इसीलिए राशन कार्ड रद्द हुए हैं. इसके अलावा फर्जी राशन कार्ड भी बनाकर सरकार की स्कीम से मुफ्त में अनाज और अन्य सामान लिया जा रहा था. ये राशन कार्ड भी रद्द कर दिए गए हैं.

देश में कुल 80 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड हैं. इस पहल को मोटे तौर पर कई प्रवासी लाभार्थियों जैसे कि मजदूरों, दैनिक मजदूरों, ब्लू-कॉलर श्रमिकों आदि के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जो देश भर में रोजगार की तलाश में अक्सर अपना निवास स्थान बदलते हैं.

अब क्या करें- राशन कार्ड कैंसिल होने पर आपको खाद्य आपूर्ति विभाग में जाकर इसकी जानकारी लेनी होगी. वहां अपना राशन कार्ड और आधार कार्ड दिखाएं. आधार नंबर को राशन कार्ड से लिंक किया जाएगा. इसके बाद आपका नया राशन कार्ड बनेगा. पुराना जारी नहीं होगा.

1 जून से शुरू हो रही है नई स्कीम- आपको बता दें कि सरकार 1 जून 2020 से ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को लागू कर देगी. इसके जरिए पुराने और नए राशन कार्डधारक देश में किसी भी राशन की दुकान से कहीं भी राशन खरीद सकेंगे. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने हाल में इसकी घोषणा की है. इसे राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी कहा जा रहा है.

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