पृथ्वी से एक हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंच लोगों को घर में सुरक्षित रहने का संदेश देने वाले नौजवान इंदर धालीवाल और उसके अंर्तराष्ट्रिय चित्रकार पिता भुपिन्दर को जिला पुलिस मुखी सन्दीप गोयल ने सम्मान चिह्न देकर किया अभिनंदन।

अखिलेश बंसल/करन अवतार, बरनाला।
वैश्विक कोरोना वायरस (कोविड -19) महामारी को मात देने के लिए पंजाब प्रदेश के जिला बरनाला की पुलिस के सहयोग से अंर्तराष्ट्रिय चित्रकार भुपिंदर के लडक़े इंदर धालीवाल ने पॉवर पैराग्लाइडिंग करते धरती से एक हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंच जिलावासियों को ‘स्टे होम-स्टे सेफ’ का संदेश देकर यादगार पहलकदमी की है। जिससे उसका नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया है। बहादुरी और हौसले भरे कारनामे को देखते हुए जिला पुलिस मुखी संदीप गोयल ने पैराग्लाईडर इंदर और उसके साथ ही उसके पिता को विशेष सम्मान दिया है। इस मौके पर जिला पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारी और ट्राइडेंट उद्योग समूह के प्रबंधक भी मौजूद थे। जिनकी ओर से पैराग्लाइडर युवक और उसके पिता चित्रकार भुपिन्दर सिंह को रात्री भोजन भी करवाया गया।

ट्राइडेंट से टेक-आफ किया, सरजमीं पर पहुंच की लैंडिंग:
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकारों और संबंधित प्रशास्निक अधिकारियों की तरफ से विभिन्न किस्म के अत्याधुनिक कोशिशों के अलावा हर लाभदायक एवं प्रभावशाली कदम उठाने को कहा जा रहा है। जिसके चलते जिला बरनाला के कस्बा धनौला में रहते अंर्तराष्ट्रिय चित्रकार भुपिंदर के बेटे इंदर धालीवाल ने जिला पुलिस मुखी से संपर्क किया। उन्हें अपने कांस्पेट से अवगत कराते दावा किया कि पैराग्लाइडिंग के द्वारा दिए जाने वाला संदेश अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो सकता है। जिसको लेकर जिला पुलिस मुखी ने नौजवान के हौसले को हरी झंडी दी। पैराग्लाइडिंग टेक-ऑफ करने की जगह बरनाला के ट्राइडेंट का मैदान और लैंडिंग की जगह नौजवान की सरजमीं धनौला चुनी गई।

आकाश से दिया ‘स्टे होम-स्टे सेफ’ का संदेश:-
शुक्रवार की सायंकाल पॉवर पैराग्लाइडर के द्वारा उड़ान भरने के लिए तैयार खड़े इंदर धालीवाल को जिला के वरिष्ठ कप्तान संदीप गोयल ने ‘स्टे होम-स्टे सेफ’ लिखे संदेश का 18 फुट लंबा व 8 फुट चौड़ा बैनर पकड़ाया। जिसे लेकर नौजवान 06:25 बजे आकाश में उड़ गया। जो ट्राइडेंट फैक्ट्री से उड़ान भरता हुआ और बरनाला के आईटीआई चौक से होते हुए आकाश मार्ग द्वारा सायं 06:40 बजे धनौला पहुंच गया। जहां लैंडिंग होने के बारे में अपडेट धनौला पुलिस के थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर मेजर सिंह ने की।

पिता का सपना हुआ साकार –
आकाश द्वारा ‘स्टे होम-स्टे सेफ’ का संदेश वाला 22 वर्षिय नौजवान इंदर धालीवाल चंडीगढ़ के एस.डी. कालेज का विद्यार्थी है। जो बैचुलर आफ आर्टस (बीए) के आखिरी समेस्टर की पढ़ाई कर रहा है। पैराग्लाइडर की डिजाइनिंग खुद ही करता है। बताने योग्य है कि’पैरा गलाईडिंग’साहसी खेल (एडवेंचर स्पोर्टस) है। युवक इंदर धालीवाल के पैराग्लाइडर गुरू कोई दूसरा नहीं बल्कि उसके अपने खुद के पिता चित्रकार भुपिंदर ही हैं। जो खुद पैरा गलाईडिंग की उड़ान भरने के माहिर हैं। उन्होंने खुद पैराग्लाईडिंंग जुनून के चलते बिलासपुर (हिमाचल) में 1996 दौरान पाठ्यक्रम किया था। उसके बाद संपर्क में आए कमांडैंट आर.पी. गौतम साहिब से उड़ान भरने के गुर हासिल किए थे।

इतिहास में दर्ज हुआ नाम:
लौकडाउन के दौरान घर बैठे लोगों को जागृत करने के लिए आगे आए नौजवान इंदर धालीवाल, जो आकाश में लगातार 4 से 5 घंटे तक की उड़ान भरने में योग्यता रखता है, उसने ‘स्टे होम-स्टे सेफ’ का संदेश देकर विश्वस्तर पर पहलकदमी की मिसाल दी है। जिससे उसका नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया है। यहां बता दें कि नौजवान की ओर से भरी गई पैराग्लाइडिंग उड़ान के समय की काफी वीडीयोज लोगों की तरफ से अपने मोबाइल फोन कैमरों द्वारा शोशल मीडिया पर भी अपलोड की हैं। जिन्हें लाखों लोगों ने लाइक किया है और बरनाला पुलिस का विशेषतौर पर धन्यवाद भी किया है।

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