Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

चंडीगढ़, 9 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते घोषित लॉकडाउन के दौरान चरनबद्ध तरीक़े   से औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों में और अधिक तेजी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, चीन से जो देश अपने औद्योगिक कार्यों स्थानांतरित अन्य देशों में करने  इच्छुक है वे अब भारत में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें हरियाणा में प्राथमिकता देने की पहल की जा रही है। जापान, अमेरिका, कोरिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के निवेशकों  के साथ हरियाणा लगातार परयासरत  है।

मुख्यमंत्री आज ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे।
भौगोलिक दृष्टिï से हरियाणा पहले ही विदेशी निवेशकों की पहली पसंद है। उन्होंने कहा कि पिछले पाँच वर्षों से हरियाणा में उद्योग मैत्री माहौल बनाया है। ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में वर्ष 2014 में हरियाणा देश में 16वें स्थान पर था, इसमें हमने सुधार किया है और अब ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस में हम तीसरे स्थान पर हैं तथा उत्तरी भारत में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि 60 बहु राष्टï्रीय कंपनियों से हरियाणा में निवेश करने को लेकर बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा कि उद्योग केवल एक जिले में सीमित न रहे, इसके लिए उद्योगों को पूरे राज्य में बढ़ाने के लिए जिला वार क्लस्टर योजना बनाई जाएगी। इसके लिए आगामी भविष्य में सडक़ की व्यवस्था, रेल की व्यवस्था या अन्य कोई आवश्यकता होगी तो उसे पूरा करेंगे। इससे एक ओर जहां उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा वहीं रोजग़ार के अवसर भी बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के योग्य बनाने के लिए विश्वकर्मा हरियाणा कौशल विकास विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण पाठयक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, अन्य सेवाओं के लिए भी छोटे-मोटे कोर्स शुरू करवा रहे हैं ताकि लोग आगे बढ़ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कुछ ढील देकर उद्योगों को दोबारा शुरू किया गया है। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों को सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की रियायतों की जानकारी देते हुए बताया कि जिन औद्योगिक इकाइयों के मार्च, अप्रैल और मई माह के बिजली बिल जनवरी और फरवरी माह की औसत से आधे आएंगे, उन्हें फिक्स चार्ज में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। शेष 75 प्रतिशत राशि जुलाई से दिसंबर तक 6 बराबर किस्तों में ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि एमएसएमई अपने श्रमिकों को समय पर वेतन दे सके, इसके लिए 20 हजार रुपये प्रति श्रमिक की दर से बैंक से ऋण दिलवाने की सुविधा दी गई है, जिसमें 6 महीने तक का ब्याज लाभ हरियाणा सरकार द्वारा दिया जाएगा, जो लगभग ढाई सौ करोड़ रूपया बनेगा। उन्होंने कहा कि इस लोने के लिए उन्हें बैंक को किसी प्रकार की कॉलेटरल या गारंटी नहीं देनी है, यदि कोई ऐसा प्रावधान आएगा तो उसकी चिंता प्रदेश सरकार करेगी।

उन्होंने कहा कि उद्योगों द्वारा दिए जा रहे 2 महीने के अग्रिम विकास चार्ज (एडीसी) के ब्याज को बिजली बिलों में समायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एग्रो इंडस्ट्रीज जिनके 20 किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन है, जिन्हें अब तक लगभग 7.50 और 8 रुपये की दर थी, यह दर 1 अप्रैल से 4.75 रुपये प्रति युनिट की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बजट के समय की घोषणा है और इसे लागू करने के लिए विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के अंदर लोगों को प्लॉट दिए हैं, उनमें कुछ विवाद चल रहे हैं, इसके लिए अलग से रिड्रेसल मेकैनिज्म बनाया जाएगा ताकि जल्द से जल्द इन विवादों का निपटान हो सके। उन्होंने कहा कि जिन प्रदेशों ने श्रम कानूनों में छूट देने की बात कही है, उन अधिकांश कानूनों में तो हरियाणा ने 2017 में ही सुधार कर लिया था। फिर भी बाकी सब प्रदेशों को देखते हुए हमें भी अगर किसी कानून में या किसी नीति में बदलाव करने की आवश्यकता पड़ी तो आने वाले एक सप्ताह के अंदर- अंदर इन सारे कानूनों में बदलाव किया जाएगा, ताकि ने तो मजदूर को कठिनाई हो और न ही उद्योगपति को।

उन्होंने कहा कि जो औद्योगिक ईकाइयां खुल चुकी हैं, उनमें श्रमिकों को आने-जाने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो और श्रमिक उद्योग के परिसर में ही रहे, इसके लिए उद्योगपतियों की मांग पर औद्योगिक ईकाइयों को अपने श्रमिकों के लिए आवास की व्यवस्था के लिए अनुमति दी जाएगी ताकि इन-सीटू रह कर उद्योग को चला सकें।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दिनों मजदूरों का पलायन शुरू हुआ था, परंतु जब से सरकार ने एमएसएमई को गति देने की बात शुरू की तब से यह संख्या कम होने लगी है। उन्हेांने कहा कि अब प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों शुरू हो चुकी हैं और इस समय तक लगभग 13 लाख कर्मचारी अपने काम में लग गए हैं और उम्मीद है कि अब प्रवासी मजदूर यहीं रुकेंगे। उन्होंने कहा कि फिर भी यदि प्रवासी श्रमिक जाना चाहते हैं तो उनकी जाने की पूर्ण व्यवस्था प्रदेश सरकार करेगी। आने वाले 7 दिन में 100 ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि जो देश के दूर-दराज राज्यों से आए हुए हैं उनका रजिस्ट्रेशन किया है, लगभग 6 लाख लोगों ने जाने की बात कही है।  

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