चंडीगढ़, 27 मार्च – हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने आज विधानसभा में कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है और इससे निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि जनस्वास्थ्य से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है। इसके समाधान में सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक चेतना भी जरूरी है।

पॉलीथिन के उपयोग पर सख्ती की आवश्यकता

राव नरबीर सिंह ने कहा कि पॉलीथिन के उपयोग को बंद किया जाना चाहिए क्योंकि इसके जलने से जहरीला धुआं निकलता है जो वायु प्रदूषण को बढ़ाता है। एक अध्ययन के अनुसार, पॉलीथिन को जलाने से उत्पन्न धुआं वायुमंडल के लिए अत्यंत हानिकारक है।

विधानसभा में प्रदूषण पर चर्चा

पर्यावरण मंत्री ने यह बयान बजट सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला और अन्य विधायकों द्वारा वायु प्रदूषण पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के 24 शहरों का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) खतरनाक रूप से खराब नहीं है। अधिकतर शहरों में वार्षिक एक्यूआई 200 से कम है, जो कि मध्यम श्रेणी में आता है।

वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयास

मंत्री ने बताया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष 2023 और 2024 के दौरान 480 वायु प्रदूषणकारी उद्योगों को बंद किया और उन पर 35 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, वायु गुणवत्ता सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

पराली जलाने की घटनाओं में कमी

राव नरबीर सिंह ने जानकारी दी कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में निरंतर कमी आई है। वर्ष 2017 में धान की पराली जलाने की 12,657 घटनाएं हुई थीं, जो वर्ष 2024 में घटकर 1,406 रह गईं। इसी तरह गेहूं के अवशेष जलाने की घटनाएं भी घटकर 3,155 हो गईं, जबकि वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 4,747 था।

प्रदूषण के मुख्य कारण

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण का 20% हिस्सा उद्योगों से, 20% वाहनों से, 35% सड़क धूल से, 10% कृषि से और 6% अन्य कारणों से उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रदूषण नियंत्रण के लिए विश्व बैंक के सहयोग से 2025 से 2030 तक कई परियोजनाओं पर काम किया जाएगा।

जनभागीदारी का आह्वान

राव नरबीर सिंह ने सभी विधायकों से आग्रह किया कि वे हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक में अपने सुझाव दें। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों को प्रदूषण कम करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को भी वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

सामाजिक चेतना और जागरूकता जरूरी

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण की रोकथाम केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। समाज के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। पॉलीथिन के उपयोग से बचने और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

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