गुरुग्राम – वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं। परंतु राज्य के अनेक विद्यालय, विशेष रूप से गुरुग्राम क्षेत्र में, न केवल शिक्षा के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं बल्कि सुरक्षा मानकों की भी अनदेखी कर रहे हैं। स्कूलों का बिना फायर NOC, बिना बिल्डिंग प्लान अप्रूवल और बिना मान्यता के संचालित होना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है बल्कि बच्चों की सुरक्षा को भी गंभीर खतरे में डालता है।
समस्या का परिचय
गुरुग्राम सहित राज्य के कई जिलों में ऐसे अनेक स्कूल संचालित हो रहे हैं जो बिना फायर NOC, बिना बिल्डिंग प्लान अप्रूवल और बिना मान्यता के चल रहे हैं। इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगता है बल्कि प्रशासनिक उदासीनता भी उजागर होती है।
फायर सुरक्षा की अनदेखी
गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह का कहना है कि कई निजी और सरकारी स्कूल बिना फायर NOC के संचालित हो रहे हैं। सैंडको स्कूल सहित अनेक अन्य स्कूल बिना फायर सुरक्षा प्रमाणपत्र के चल रहे हैं। यह स्थिति न केवल सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है बल्कि बच्चों की जान से खिलवाड़ भी है।
प्रशासनिक लापरवाही
शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में 282 अवैध स्कूलों की सूची जारी की गई है, लेकिन यह आंकड़ा केवल माध्यमिक शिक्षा से जुड़ा है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल अभी भी प्रशासन की निगरानी से बाहर हैं। गुरिंदरजीत सिंह का कहना है कि बिना अनुमति वाले प्राथमिक स्कूलों की संख्या कहीं अधिक है।
भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन
अनेक निजी स्कूल बिना बिल्डिंग प्लान अप्रूवल के रिहायशी कॉलोनियों में संचालित हो रहे हैं। इनमें कई स्कूल किराए की इमारतों में चल रहे हैं, जिनके पास आवश्यक अनुमति और सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं हैं। यह स्थिति आपातकालीन स्थितियों में बच्चों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचा सकती है।
अवैध शाखाओं का विस्तार
कुछ स्कूल अपनी बड़ी शाखाओं की मान्यता का हवाला देकर छोटी शाखाएं संचालित कर रहे हैं, जो बिना किसी एफिलिएशन के चल रही हैं। यह न केवल शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है बल्कि अभिभावकों को भ्रमित भी कर रहा है।
सरकार और प्रशासन की उदासीनता
गुरिंदरजीत सिंह ने सवाल उठाया कि क्या शिक्षा विभाग और फायर विभाग को बच्चों की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है? कई स्कूलों में फायर NOC की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन पुनः निरीक्षण या नवीनीकरण नहीं कराया गया।
समाधान की आवश्यकता
सरकार और शिक्षा विभाग को ऐसे सभी स्कूलों की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए, जो बिना फायर NOC, बिल्डिंग प्लान और मान्यता के चल रहे हैं। समयबद्ध कार्रवाई और सख्त निरीक्षण की आवश्यकता है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष
बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। बिना फायर NOC और मान्यता के चल रहे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे स्कूल दोबारा न खुलें और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि रहे।