– भारत सारथी / ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम: पंचकूला में मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और कई मंत्रियों की मौजूदगी में प्रदेशभर के नव-निर्वाचित निगम पार्षदों को शपथ दिलाई गई। यह पहली बार हुआ है कि पूरे प्रदेश के चुने हुए प्रतिनिधियों को पंचकूला बुलाकर सरकार के मंत्रियों और पार्टी नेतृत्व के सामने शपथ दिलाई गई। यह ऐतिहासिक कदम होने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सवाल भी खड़े करता है। जनता के प्रतिनिधि या पार्टी के अनुयायी? संविधान के अनुसार, जनता द्वारा चुने गए पार्षद अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने और समाधान दिलाने के लिए जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रमाण पत्र में किसी भी राजनीतिक दल का उल्लेख नहीं होता, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे पार्टी के बजाय जनता के प्रतिनिधि होते हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में भाजपा ने ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ की बात कहकर यह प्रचार किया कि यदि भाजपा पार्षद जीतते हैं तो ही विकास कार्य होंगे। यह प्रश्न उठता है कि जब कोई पार्षद पार्टी से स्वतंत्र होता है, तो फिर उसके कार्य किसी विशेष पार्टी से कैसे जुड़े हो सकते हैं? यह चुनाव आयोग और कानूनी विशेषज्ञों के विचारणीय विषय है। क्या पार्षद जनता की आवाज उठा पाएंगे? सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन पार्षदों की भूमिका क्या होगी? क्या वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के सामने रख सकेंगे, या फिर पार्टी की नीतियों के अनुसार ही कार्य करेंगे? यह सर्वविदित है कि अधिकतर समस्याएं सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण उत्पन्न होती हैं। ऐसे में क्या ये पार्षद सरकार के खिलाफ आवाज उठा पाएंगे, या फिर पार्टी की नीतियों के अधीन रहकर जनता की आवाज को अनसुना कर देंगे? जनता के लिए आगे क्या? यह समय जनता के लिए महत्वपूर्ण है कि वह अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से जवाब मांगे। पार्षदों का असली कर्तव्य जनता के हितों की रक्षा करना है, न कि केवल पार्टी के निर्देशों का पालन करना। यदि वे अपनी भूमिका को लेकर स्पष्ट नहीं हैं, तो जनता को चाहिए कि वे उन्हें उनके कर्तव्यों की याद दिलाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नव-निर्वाचित पार्षद अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए कितने स्वतंत्र रूप से कार्य कर पाते हैं, या फिर वे सिर्फ सरकारी आदेशों का पालन करने वाले प्रतिनिधि बनकर रह जाएंगे। Post navigation विधायक विनेश फोगाट को खेल नीति के तहत सिल्वर मेडल के समकक्ष लाभ देने के लिए माँगा जायेगा विकल्प हरियाणा मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण निर्णय: वस्त्र नीति, विधि आयोग, कर निपटान योजना और प्रशासनिक सुधार