महिला एवं बाल विकास विभाग लिंगानुपात में और सुधार लाने के उद्देश्य से आईईसी गतिविधियों को दे बढ़ावा
जिन महिला सरपंचों के पास केवल बेटियां हैं, उन्हें लिंगानुपात में सुधार के लिए चलाए जाने वाले अभियानों में बनायें ब्रांड एंबेसडर
चंडीगढ़, 18 मार्च – हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (डीजीएचएस) को प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अनुसार लिंगानुपात विश्लेषण करने के निर्देश दिए। इस संबंध में खराब प्रदर्शन करने वाले सीएचसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
श्री सुधीर राजपाल आज यहां स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें जन्म के समय लिंगानुपात में और सुधार लाने के लिए लागू किए जा रहे विभिन्न उपायों की प्रगति की समीक्षा की गई। एसीएस ने इस चुनौती से निपटने के लिए एक केंद्रित, बहु-विभागीय दृष्टिकोण पर भी बल दिया।
बैठक में, श्री राजपाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग को राज्य में लिंगानुपात को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों को बढ़ाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने लैंगिक समानता के महत्व और लिंगानुपात में सुधार की आवश्यकता के बारे में समुदायों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता वैन चलाने का सुझाव दिया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य भर के सिनेमाघरों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल के बारे में लघु फिल्में दिखाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बालिका के जन्म का जश्न मनाने के लिए “कुआं पूजा” जैसी प्रथाओं को भी बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
श्री राजपाल ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भधारण की बेहतर ट्रैकिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक गर्भावस्था को प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल पर प्रथम तिमाही में पंजीकृत किया जाना चाहिए। यदि पंजीकरण नहीं हुआ है, तो संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से विशेष अनुमति लेकर ही इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। गर्भधारण का पंजीकरण न करने में किसी भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
बीएएमएस चिकित्सकों की निगरानी के लिए आयुष विभाग को भी करें शामिल
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों का निरीक्षण करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे लिंग निर्धारण के अवैध कार्य में शामिल ऐसे केंद्रों पर छापेमारी को तेज़ करें। उन्होंने कहा कि बीएएमएस चिकित्सकों की निगरानी के लिए आयुष विभाग को भी शामिल किया जाना चाहिए।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग एमटीपी किट की ऑनलाइन/ऑफलाइन बिक्री की प्रगति रिपोर्ट सीएमओ के साथ साझा करें
एमटीपी किट की अवैध बिक्री पर लगाम लगाने के लिए श्री सुधीर राजपाल ने एफडीए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एमटीपी किट की ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री की प्रगति रिपोर्ट सीएमओ के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एमटीपी किट केवल पंजीकृत स्थानों पर ही रखी जाएं।
श्री सुधीर राजपाल ने सुझाव दिया कि जिन महिला सरपंचों के पास केवल बेटियां हैं, उन्हें लिंग अनुपात सुधारने के लिए चलाए जाने वाले अभियानों में ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को इस पहल के लिए प्रत्येक जिले से पांच-पांच ऐसे सरपंचों की पहचान करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने 104 हेल्पलाइन के माध्यम से केवल एक बेटी वाले परिवारों के लिए परामर्श सत्र आयोजित करने के लिए भी कहा।
बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. मनीष बंसल, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती मोनिका मलिक, पंचकूला की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुक्ता कुमार तथा स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा एफडीए विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।