दो मेयर और एक चेयरमैन तथा वार्ड पार्षद के लिए 2 मार्च को मतदान
गुरुग्राम में मेयर और पटौदी जाटोली मंडी परिषद में चेयरमैन पद रिजर्व
गुरुग्राम नगर निगम में बनाए गए थे सीनियर डिप्टी मेयर डिप्टी मेयर
क्या अब यही फार्मूला मानेसर नगर निगम के लिए भी होगा अप्लाई
फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम /मानेसर /पटौदी । दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब बदलते मौसम के बीच एकदम से हरियाणा प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव को लेकर माहौल सहित टिकट के दावेदारों का जोश उबाल पर आ गया है। इसका दूसरा सबसे अधिक रोचक पहलू यह है कि हरियाणा प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव के बाद सबसे अधिक शक्ति परीक्षण डिप्टी मेयर और वाइस चेयरमैनशिप के पद को लेकर ही होना निश्चित है । इसका सीधा और सरल कारण यही है कि नगर निगम और नगर परिषद तथा नगर पालिका के चेयरमैन का मतदाताओं के द्वारा सीधे मतदान कर चुनाव किया जाएगा। लेकिन डिप्टी मेयर और वाइस चेयरमैनशिप अथवा उपाध्यक्ष के लिए दावेदारों के बीच साम, दाम, दंड – भेद हर प्रकार की रणनीति पर अमल करते हुए काबिज होने की दौड़ से इनकार नहीं किया जा सकता। दावेदारों को वार्ड के विजेता जनप्रतिनिधियों का समर्थन जुटाना होगा या फिर अपने पक्ष में लंबबद्ध भी करना होगा।
गुरुग्राम नगर निगम में मेयर का पद पिछड़ा वर्ग ए के लिए आरक्षित किया गया है । इस संबंध में राजनीति के रुचिकर और जानकारी के मुताबिक जिस वर्ग के लिए गुरुग्राम नगर निगम में मेयर पर आरक्षित किया गया है उसमें कई दर्जन जातियां शामिल हैं। सबसे बड़ा सवाल और चुनौती भाजपा और भाजपा संगठन पदाधिकारी सहित केंद्र और प्रदेश के प्रभावशाली मंत्रियों के लिए बंटी हुई दिखाई दे रही है। यही प्रयास किया जाएगा की जिस भी दावेदार उम्मीदवार की अपने राजनीतिक आका, संगठन पदाधिकारी के प्रतिनिष्ठा और वफादारी हो टिकट उसी को ही दिलवाया जाए । हालांकि भाजपा के द्वारा घोषणा की जा चुकी है कि स्थानीय निकाय चुनाव भाजपा पार्टी के द्वारा अपने सिंबल पर ही उम्मीदवार जनता के बीच भेज कर लड़ा जाएगा। इसी प्रकार से संकेत कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के निकाय चुनाव अधिकारी नेताओं के द्वारा भी दिए जा चुके हैं । जिस प्रकार से भाजपा की टिकट के लिए फॉर्मूला देखने के लिए मिलेगा। इस फार्मूले को कांग्रेस के द्वारा टिकट देने और टिकट लेने वालों के बीच में भी देखा जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।

गुरुग्राम नगर निगम, मानेसर नगर निगम और पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद के चुनाव को लेकर यहां से चेयरमैन की कसौटी पर खरा उतरने के साथ-साथ जीत के प्रबल दावेदार कार्यकर्ता, संगठन के कार्यकर्ता अथवा पदाधिकारी तथा राजनीतिक आका के विश्वास प्राप्त करना भी बहुत जरूरी है। मिल रहे संकेतों के मुताबिक बड़े और प्रभावशाली सत्ता में भागीदार नेताओं के द्वारा अपने-अपने बेहद विश्वसनीय नजदीकी समर्थकों के माध्यम से चुनाव के मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों के बायोडाटा एकत्रित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं । हालांकि 11 फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी । फिर भी इस बात से इनकार नहीं की पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम की घोषणा 17 फरवरी नामांकन के अंतिम दिन से पहले अवश्य हो जाएगी।
लोगों के बीच चर्चा और शहरी निकाय चुनाव लड़ने के दावेदार उम्मीदवार जो की मेयर या फिर चेयरमैन की दावेदारी को लेकर पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से जनसंपर्क करते हुए पसीना बहा रहे थे । हाउस का सर्वोच्च पद आरक्षित होने के बाद अब उनका पूरा फोकस डिप्टी मेयर तथा वाइस चेयरमैन बनने पर पहुंच गया है । कुछ दावेदार उम्मीदवारों का साफ-साफ कहना है कि वार्ड का चुनाव सबसे पहले गंभीरता के साथ जनता के विश्वास से जीतने के साथ ही वाइस चेयरमैन के पद पर पहुंचना ही अब मुख्य लक्ष्य चुनाव लड़ना है ।
गुरुग्राम नगर निगम की बात की जाए तो पिछली योजना में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर गुरुग्राम में बनाए गए थे। इस बार भी इसी फार्मूले को अपनाने अथवा दोहराने से इनकार नहीं किया जा सकता है । इसी कड़ी में और अधिक जिज्ञासा मानेसर नगर निगम को लेकर है ? क्या यहां पर भी गुरुग्राम नगर निगम जैसा ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर वाला फॉर्मूला अमल में लाया जाएगा । इसी कड़ी में और एक कदम बढ़ाते हुए लोगों में जिज्ञासा सहित सवाल बनता ज बनता जा रहा है कि पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद में भी क्या चेयरमैन के बाद में सीनियर वाइस चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चुनाव करवाए जाएंगे ? बहरहाल 12 मार्च चुनाव परिणाम तक इंतजार करना ही अंतिम विकल्प बचा है। बाकी हाउस में सर्वोपरि कितने पद रहेंगे यह भविष्य के गर्भ में है।