चंडीगढ़, 05 फरवरी – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार पर सरकारी स्कूलों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं छात्र नहीं हैं, तो कहीं शिक्षक नदारद हैं, और कई स्कूल तो पूरी तरह खाली पड़े हैं। सरकार की मंशा सरकारी स्कूलों को धीरे-धीरे बंद करने की साजिश जैसी लगती है, जबकि निजी स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर सरकार को घेरा
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि शिक्षा किसी भी प्रदेश और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए सरकार को बच्चों की शिक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 12 जिलों में 15 स्कूल ऐसे हैं, जहां या तो छात्र नहीं हैं, या स्टाफ नहीं है, या दोनों ही नहीं हैं।
उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 28 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी छात्र नहीं है। इनमें:
- कुरुक्षेत्र में 5
- भिवानी और यमुनानगर में 4-4
- करनाल और सोनीपत में 3-3
- फतेहाबाद और महेंद्रगढ़ में 2-2
- पलवल, कैथल, जींद, झज्जर और फरीदाबाद में 1-1 स्कूल शामिल हैं।
इसके बावजूद, इन 28 स्कूलों में 19 जेबीटी शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने मांग की कि जिन स्कूलों में छात्र नहीं हैं, वहां के शिक्षकों को उन स्कूलों में स्थानांतरित किया जाए, जहां छात्र अधिक हैं लेकिन शिक्षक कम हैं।
सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल
कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है और गरीबों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सरकारी स्कूलों की अनदेखी कर रही है और निजी स्कूलों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य या राष्ट्र की प्रगति शिक्षा के स्तर पर निर्भर करती है, और सरकार को अपने खर्च कम करके शिक्षा पर अधिक निवेश करना चाहिए।
चिराग योजना की सच्चाई
उन्होंने चिराग योजना पर भी सवाल उठाए, जिसके तहत सरकार 4 से 18 वर्ष तक के मेधावी गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। सरकार इन बच्चों की फीस निजी विद्यालयों को दे रही है, लेकिन कुमारी सैलजा ने इसे सरकारी स्कूलों को कमजोर करने की एक रणनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को सरकारी स्कूलों की सुविधाओं में सुधार कर उन्हें मजबूत करना चाहिए, न कि सरकारी धन से निजी स्कूलों को बढ़ावा देना चाहिए।
शिक्षा सुधार की मांग
सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की कि सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षित बच्चे ही प्रदेश और देश का भविष्य तय करते हैं और सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाए।