चंडीगढ़, 24 जनवरी: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज अमृत सरोवर योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि इस योजना के नाम पर प्रदेश में सैंकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। जल संरक्षण के लिए शुरू की गई इस योजना में हर स्तर पर गड़बड़झाला हुआ है, और यह स्थिति तब और भयावह हो जाती है जब हम देखें कि जो काम जमीन पर कभी पूरे नहीं हुए, उन्हें रिकॉर्ड में पूरा दिखा दिया गया। घने दलदल से भरे तालाबों को भी ‘अमृत सरोवर’ के रूप में दिखा दिया गया।

हुड्डा ने आरटीआई से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि इस योजना के तहत 25,390.96 लाख रुपये का बजट जारी किया गया था, जबकि अब तक 29,331.81 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जो कि 3,940.85 लाख रुपये अधिक है। हर जिले में जारी बजट के मुकाबले ज्यादा खर्च किया गया, और सौंदर्यकरण के बिना ही तालाबों को ‘अमृत सरोवर’ घोषित कर दिया गया। यह घोटाला केवल वित्तीय आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि एक बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और सरकारी लापरवाही की ओर इशारा करता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इस घोटाले में प्रदेश के शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत हो सकती है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी बिना सरकार के समर्थन के नहीं हो सकती। हुड्डा ने मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि उन सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके जिन्होंने इस योजना का दुरुपयोग किया है।

उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह हर योजना और परियोजना को घोटालों की नजर से देखती है। उन्होंने पहले हुए कई घोटालों का जिक्र किया, जैसे सरकारी एंबुलेंस, दवाई खरीद, मनरेगा, FPO, शराब, खनन, पेपर लीक, सड़क निर्माण, स्टेडियम निर्माण, राशन वितरण और कई अन्य योजनाओं में हुए घोटाले। इन घोटालों का हवाला देते हुए हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार ने अब तक किसी भी मामले में उच्चस्तरीय जांच नहीं करवाई और न ही किसी दोषी के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं।

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