-बोले 6 साल से भ्रष्टाचार व परेशानी का सबब बनी परिवार पहचान पत्र योजना!

पीपीपी योजना – परिवार परेशानी योजना’ का अंत प्रदेश के लिए सुखद संदेश!

-बोले लोगों के शोषण और लूट का जिम्मेदार कौनहाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया!

17 जनवरी, 2025: कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की खट्टर व नायब सिंह सैनी सरकारों द्वारा प्रदेश के करोड़ों लोगों के साथ पिछले छः साल से पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) के नाम पर की जा रही जोर जबरदस्ती, धक्काशाही, उत्पीड़न, और खुली लूट के लिए राज्य के सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा तत्काल बिना शर्त माफी की मांग की है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा इस तुगलकी योजना के जरिए पीपीपी को अनिवार्य करने की बाध्यता को हटाए जाने पर प्रदेश के करोड़ों लोगों ने राहत की साँस ली है। 

यहाँ जारी एक बयान में रणदीप ने कहा कि वे आरंभ से ही इस योजना का सक्रिय विरोध करते आए हैं क्योंकि राज्य सरकार हर सेवा के लिए पीपीपी को अनिवार्य दस्तावेज बनाने पर तुली हुई थी। यहाँ तक कि पेयजल कनेक्शन, स्वास्थ्य सुविधाएं,  बिजली, और अन्य मूलभूत जरूरतों के लिए भी यह दस्तावेज ऐच्छिक की बजाय अनिवार्य कर दिया गया। सुरजेवाला ने कहा कि वास्तव में पीपीपी योजना परिवार परेशानी योजना और परमानेंट परेशानी योजना साबित हुई है। इसके कारण न केवल लाखों लोग महीनों तक लाईनों में खड़े रहने को मजबूर हुए, बल्कि इससे हर कदम पर प्रदेशवासियों से भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों ने करोड़ों रुपये की लूट की। इसके लिए सीधे खट्टर और नायब सिंह सैनी दोषी हैं, और उनसे तत्काल प्रदेश की जनता से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। 

रणदीप ने कहा कि इस तरह की तुगलकी योजना खट्टर और सैनी नहीं, बल्कि पूरी भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है। इन सभी का एकमात्र काम लोगों को फिजूल के झंझटों में उलझाकर असली मुद्दों से भटकाए रखने का है। 

रणदीप ने इस बात पर संतुष्टि जताई कि आखिरकार हाईकोर्ट से ही सही, कम से कम हरियाणा की भाजपा सरकार की इस पीपीपी के नाम पर की जा रही तानाशाही, उत्पीड़न व खुली लूट पर अब रोक लग सकेगी। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से 29 जनवरी तक अनुपालना रिपोर्ट भी तलब की है।  

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