कहा- नहर के डी-नोटिफिकेशन को रद्द करके कोर्ट ने बीजेपी की नीतियों पर जड़ा करारा तमाचा

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चंडीगढ़, 13 जनवरी । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दादूपुर-नलवी नहर के डी-नोटिफिकेशन कानून 101-ए को असंवैधानिक करार देने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का यह फैसला बीजेपी सरकार सरकार की नीतियों पर करारा तमाचा है। इस फैसले से यह साफ हो गया है कि भाजपा ने जानबूझकर किसानों और पूरे प्रदेश को नुकसान पहुंचाने के मकसद से प्रदेश की सबसे बड़ी वाटर रिचार्ज नहर को डी-नोटिफाई किया था। कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई यह एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी परियोजना थी। इसलिए बीजेपी द्वारा इस परियोजना को बंद करने के फैसले का कांग्रेस पहले दिन से ही विरोध कर रही थी। अब कोर्ट के सामने भी बीजेपी पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2004-05 में दादूपुर-नलवी नहर का काम शुरू हुआ था। इसके लिए 50 किलोमीटर तक 1026 एकड़ भूमि का अधिग्रहण हुआ था। साल 2008-09 में इस नहर में पानी भी चालू हो गया था। साल 2017 तक नहर में पानी चालू रहा। इसने ना सिर्फ किसानों की जमीन को सींचा, बल्कि भूमि का जलस्तर भी बढ़ाया। लेकिन प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि करीब 10 साल से चलती आ रही नहर को सरकार ने बंद कर दिया। बीजेपी ने साल 2018 में इस परियोजना को रद्द करने का फैसला लिया। इतना ही नहीं सरकार ने नहर की मिट्टी तक को उठाकर बेच दिया।

बीजेपी के इस फैसले के खिलाफ किसानों में भारी रोष था और वह लगातार आंदोलनरत थे। बावजूद इसके सरकार ने किसानों की एक नहीं सुनी। लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी को कुछ सबक सिखना चाहिए और उसे जल्द से जल्द किसानों की बकाया मुआवजा राशि देनी चाहिए।

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