मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आग्रह है कि वे पिछडे वर्ग को उसको संवैद्यानिक अधिकार देने के लिए प्रदेश की भी प्रथम, द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करके पिछडे वर्ग के साथ न्याय करे : विद्रोही भाजपा पिछडा वर्ग हितैषी बताकर चुनावों में वोट तो हडपती है, लेकिन जब पिछडे वर्ग को उसके संवैद्यानिक अधिकार देने की बात आती है तब भाजपा सरकार कोई न कोई बहाना बनाकर पतली गली से भाग जाती है : विद्रोही 13 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आग्रह किया कि क्या तो यह राग अलापना छोडे कि वे पिछडे वर्ग के है या हरियाणा पिछडे वर्ग की क्रीमीलेयर सीमा 12 लाख रूपये वार्षिक करे व चुनावों से पूर्व की गई घोषणा अनुसार प्रदेश की प्रथम व द्वितीय श्रेणियों की नौकरियों के लिए आरक्षण सीमा को बढाकर 27 प्रतिशत करे ताकि पिछडे वर्ग का मुख्यमंत्री होने का वास्तविक लाभ पिछडे वर्ग को हो। विद्रोही ने कहा कि भाजपा पिछडा वर्ग हितैषी बताकर चुनावों में वोट तो हडपती है, लेकिन जब पिछडे वर्ग को उसके संवैद्यानिक अधिकार देने की बात आती है तब भाजपा सरकार कोई न कोई बहाना बनाकर पतली गली से भाग जाती है। जब 2014 में कांग्रेस ने सत्ता छोडी थी, तब हरियाणा में क्रीमीलेयर आय सीमा 6 लाख रूपये वार्षिक थी जिसे 2016 मेें भाजपा सरकार के आते ही मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने घटाकर 8 लाख रूपये वार्षिक कर दिया था। भाजपा ने आठ सालों तक पिछडे वर्ग के साथ धोखाधडी करके अक्टूबर विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पूर्व पिछडे वर्ग की वोट हडपने फिर से क्रीमीलेयर आय सीमा 6 लाख रूपये से बढाकर 8 लाख रूपये की। विद्रोही ने कहा कि जो क्रीमीलेयर आय सीमा 2014 में 8 लाख रूपये वार्षिक थी, उसे घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक करना और फिर आठ साल बाद उसे 8 लाख रूपये वार्षिक करना पिछडे वर्ग के साथ वोट हडपने की धोखाधडी नही तो और क्या है? यदि वास्तव में भाजपा सरकार व पिछडे वर्ग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ईमानदार व पिछडे वर्ग में पैदा होने का अपना कर्ज चुकाना चाहते है तो वे 2014 से 2025 के बीच बढ़ती महंगाई, डालर के मुकाबले रूपये के हुए अवमूल्यन, मुद्रा स्फीती के मध्यनजर हरियाणा में पिछडा वर्ग की क्रीमीलेयर आय सीमा 12 लाख रूपये वार्षिक करके पिछडे वर्ग के साथ भाजपा राज में हुए अन्याय को दूर करे। वहीं विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश में 1993 से चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणीे कीे सरकारी नौकरियों में पिछडे वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन हरियाणा में आज तक प्रथम व द्वितीय श्रेणी में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू नही किया गया है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आग्रह है कि वे पिछडे वर्ग को उसको संवैद्यानिक अधिकार देने के लिए प्रदेश की भी प्रथम, द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करके पिछडे वर्ग के साथ न्याय करे। Post navigation सरकार किसान संगठनों से वार्ता का रास्ता निकालकर उनकी समस्याओं का करे समाधान वर्ष 2030 तक राज्य के हर युवा को हुनरमंद बनाना सरकार का लक्ष्य- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी