बैठक को लेकर यह चर्चाएं थीं कि एसीपी नवीन तथा एसएचओ बिजेंद्र केवल खानापूर्ति की बैठक कर अपनी वाहवाही बटोरना चाह रहे हैं

गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: एक तरफ तो हरियाणा पुलिस सेवा सुरक्षा सहयोग के दावे करती नहीं थक रही है, वहीं दूसरी तरफ जागरूक नागरिक द्वारा पुलिस की मदद करने के बावजूद भी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे है। जिसमें सबसे ज्यादा सुर्खियों व लापरवाही बरतने के मामले में गुरुग्राम का थाना पालम विहार अव्वल नंबर पर है। जिसमे बैठे लापरवाह पुलिस अधिकारी रस्सी को सांप तथा सांप को रस्सी बनाने में माहिर है, ऐसे कई मामले सामने आ चुके जिसमें थाना पालम विहार पुलिस ने दबंगों के दबाव में तथा भ्रष्टाचार के चलते दबंगों को खुली छूट और जागरूक नागरिकों के नाक में दम कर रखा है। वहीं पुलिस विभाग की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर स्पष्ट दिखाई देता है। जिसकी शिकायत भी आला अधिकारियों को भेजने के बाद भी ढाक के तीन पात वाली कहावत चरित्राथ हो रही है। वहीं पुलिस पब्लिक कार्डिनेशन बैठक कर फर्जी दिखावे के लिए ढकोसले कर लोगों में अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही हैं। जिसके लिए रविवार को एक बैठक का आयोजन पुलिस द्वारा किया गया था। जिसको क्षेत्र वासियों ने केवल दिखावा मात्र बताया है।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना पालम विहार क्षेत्र के अंतर्गत गांव मोलाहेडा के साथ लगते सैक्टर 22 बी के कम्युनिटी सेंटर में रविवार को एसीपी उद्योग नवीन शर्मा व पालम विहार एसएचओ इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में क्षेत्र की विभिन्न सैक्टर के RWA के सदस्यों के साथ पुलिस- पब्लिक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में अपराधों की रोकथाम व अपराधों का मूल्यांकन करके उनके निवारण/रोकथाम, किरायेदारों की वेरिफिकेशन करवाने बारे, अपराधियों की पहचान, साइबर संबंधित अपराधों के बारे में तथा कानून व्यवस्था एवंम शान्ति बनाए रखने के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा हुई थी। जिसमें मुख्यतः वाहन चोरी, चोरी व किसी भी प्रकार के अपराध घटित होने पर सूचना अविलम्ब पुलिस को दें, ताकि अपराधी को काबू करने के आसानी हो और पीड़ित को न्याय मिलें। क्षेत्र में सभी पदाधिकारियों को अधिक से अधिक CCTV कैमरे लगवाने के लिए कहा गया, ताकि आपराधिक गतिविधियां करने वाले लोगों पर नज़र बनी रहे।

सभी व्यक्तियों/सदस्यों को अपने आसपास की गतिविधियों पर नजर रखने, किसी संदिग्ध व्यक्ति/वस्तु की जानकरी तुरन्त पुलिस को देने की हिदायत दी गई। सभी को किराएदारों तथा नौकरों की पुलिस वेरिफिकेशन कराने के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए। मीटिंग में उपस्थित आए सभी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों/सदस्यों व लोगों द्वारा दिए गए सुझावों पर संज्ञान लेते हुए आपसी सहयोग से पूर्ण करने का निर्णय लिया गया।

आयोजित मीटिंग में निरीक्षक बिजेंद्र, प्रबंधक थाना पालम विहार, उप-निरीक्षक दिनेश,ASI मनीष, मुख्य सिपाही बजरंग, सिपाही प्रदीप तथा अन्य पुलिस कर्मचारी, सत्येंद्र सिंह (पूर्वांचल कमेटी के सदस्य), भीम सिंह (RWA सैक्टर-22B) नीरू यादव (RWA सैक्टर-23A) अशोक कुमार (RWA सैक्टर-21C) प्रकाश लांबा (RWA सैक्टर-21A) तथा RWA के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

वहीं जब क्षेत्र में एसीपी द्वारा आयोजित बैठक के बारे में आरडब्ल्यूए प्रधान भीम सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र में शराब पीकर हुड़दंग मचाने वाले पर अंकुश लगाने सहित कई अन्य समस्याएं भी एसीपी को बताई।

क्या कहते हैं थाना पालम विहार क्षेत्र मोलाहेडा के कुछ नागरिक

वहीं थाना पालम विहार के अंतर्गत आने वाले गांव मोलाहेडा के जागरूक लोगों में इस बैठक को लेकर यह चर्चाएं थीं कि एसीपी नवीन तथा एसएचओ बिजेंद्र केवल खानापूर्ति की बैठक कर अपनी वाहवाही बटोरना चाह रहे हैं। जबकि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा गैर कानूनी कार्य पुलिस की ही शय पर हो रहे हैं। क्षेत्र में अवैध शराब कई वर्षों से हर परचून की दुकान पर बिक रही है, अवैध गैस सिलेंडर की कालाबाजारी हो रही है, नशीले पदार्थों बिक रहें हैं, सरकारी जमीनों पर अवैध सब्जी मंडी लगा कर पार्षद के चहेते वसूली कर रहे हैं, अवैध कब्जे हो रहें हैं। रेहड़ी खोके वालों से हफ्ता वसूली कर रहे हैं। संदिग्ध लोगों का हमेशा तांता लगा रहता है। जब कोई जागरूक नागरिक अवैध शराब पकड़वाता है तो उसका क्षेत्र ही बदल कर मामले में लिपापोती कर देती है। लोगों का कहना था कि जागरूक लोगों को परेशान और दबंगो का जमकर साथ दे रही है थाना पालम विहार पुलिस।

क्षेत्र वासियों ने थाना पालम विहार पुलिस पर काफी गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वहीं अपहरण, गुमशुदा व्यक्ति, महिला को घर में घुसकर पुलिसकर्मी द्वारा धमकी देने जैसे संगीन मामलों में भी लीपापोती कर दी जा रही है। जिसकी समस्त जानकारी सीपी विकास अरोड़ा व डीसीपी करण गोयल के भी संज्ञान में है, फिर भी पुलिस किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही है। उपर से यह दिखावे की बैठक सवालिया निशान खड़े कर रहीं हैं। पुलिस को जब वीडियो या सीसीटीवी की फुटेज देते हैं तो उसको देखती तक भी नहीं है।

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