चंडीगढ़, 31 दिसंबर – हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सतनाल (महेंद्रगढ़) के नायब तहसीलदार रघुबीर सिंह और कादीपुर (गुरुग्राम) के नायब तहसीलदार अमित कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कदम जनता की शिकायतों और आधिकारिक जांच रिपोर्टों के आधार पर उठाया गया है। विपुल गोयल ने गुरुग्राम के उपायुक्त को अमित कुमार यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। निलंबन के दौरान दोनों तहसीलदारों को अपने-अपने मुख्यालय—रघुबीर सिंह को नारनौल और अमित कुमार यादव को चंडीगढ़ में रोजाना रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच के प्रथम छह महीनों के दौरान दोनों को केवल गुजारा भत्ता दिया जाएगा। *भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति* कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार जनता के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ करें।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है, सरकार एक पारदर्शी और सुशासन प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। *लापरवाही के खिलाफ सख्त चेतावनी* विपुल गोयल ने सोमवार को ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर गिरदावरी और फसल क्षति मुआवजे के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि जनता के कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। इसी बीच कुछ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायतें सामने आईं, जिसके आधार पर दोनों नायब तहसीलदारों को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया। विपुल गोयल ने बयान दिया है कि विभाग की ओर सख्त दिशा निर्देश दिए गए थे कि निष्पक्ष एवं जन हितैषी कार्य ही सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी अथवा जनता को परेशान करने की घटनाओं के आधार पर यह कठोर कार्रवाई की गई है। आगे भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आती है तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। *आगे की जांच और कार्रवाई* दोनों निलंबित तहसीलदारों के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। विपुल गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि जांच के दौरान किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ऐसे मामलों में सम्मिलित किसी भी व्यक्ति को राहत नहीं मिलेगी। भविष्य में भी ऐसे कठोर निर्णय लेने से सरकार पीछे नहीं हटेगी।” इस कार्रवाई के माध्यम से कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने एक कड़ा संदेश दिया है कि प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता की सेवा को प्राथमिकता देनी होगी। यह कदम प्रशासनिक सुधारों और सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए बनाई गई उनकी व्यापक योजना का हिस्सा है। साथ ही, सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की गई है कि वे निष्ठा और पारदर्शिता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें। Post navigation प्रदेश की प्रगति में ओमप्रकाश चौटाला का रहा योगदान : राज्यपाल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वर्ष 2024 में 155 मामले दर्ज कर 86 को पकड़ा, आरोप भी लगें हैं