आज आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर्स ने न्यूनतम वेतन 26000 रूपये और पक्का कर्मचारी बनाने व गुड़गांव में टर्मिनेट वर्कर, हैल्पर का मानदेय व केस रदद् करवाने की मांग को लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी को मांगपत्र दिया गुरुग्राम, 20 दिसंबर 2024 : सीटू से जुड़ी आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा (1442) के आह्वान पर राज्य भर से प्रदर्शन करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री को ज्ञापन भेजे गए। प्रदर्शन को प्रमुख रूप से सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव रामनिवास ठाकरान,महिला नेत्री उषा सरोहा, यूनियन की जिला सचिव रानी,जिला प्रधान सरस्वती, कैशियर सुशीला ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स में भारी रोष व्याप्त है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करवाने का काम वर्कर्स द्वारा किया जा रहा है। सरकार आईसीडीएस को खत्म करना चाहती है। इसके बजट में भारी कटौती की गई है। नई शिक्षा नीति में 3 से 6 साल के बच्चे स्कूल भेज दिए गए। ऑनलाइन के नाम पर वर्कर्स को प्रताड़ित किया जा रहा है। राज्य में 25000 आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिनमे करीब 47000 वर्कर्स और हेल्पर्स काम कर रही हैं। 6000 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं जिन्हे नहीं भरा जा रहा है। हैल्पर्स से वर्कर्स और वर्कर्स से सुपरवाइजर्स की पदोन्नति को अनदेखा किया जा रहा है उन्होंने कहा कि 2018 में घोषित वर्कर्स और हेल्पर्स के 1500 और 750 का एरियर नही दिया जा रहा। न ही महंगाई भत्ते की किस्त दी जा रही। दोनों नेताओं ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट व गुजरात हाई कोर्ट फैसला दे चुकी है कि आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर ग्रेच्यूटी ओर तीसरे ओर चौथे दर्जे के कर्मचारी के हकदार हैं। केंद्र व राज्य सरकार इन निर्णयों को क्यों नहीं लागू कर रहे। यूनियन सरकार से मांग करती है कि वर्कर्स और हेल्पर्स को पक्का कर्मचारी बनाया जाए, न्यूनतम वेतन 26000 रूपये लागू किया जाए, 2018 की केंद्र की घोषणा 1500, 750 का एरियर दिया जाए, केंद्र सरकार के दिशा अनुसार केंद्रों का किराया जारी हो, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द हो, वर्कर्स और हेल्पर्स को ग्रेच्युटी दी जाए, खाली पड़े हेल्पर्स, वर्कर्स, सीडीपीओ, पीओ के पद भरे जाएं।, हेल्पर से वर्कर और वर्कर्स से सुपरवाइजर्स की परमोशन बिना किसी कंडीशन के हो और कम से कम 50 प्रतिशत हो। Post navigation मुख्यमंत्री उडनदस्ता गुरूग्राम द्वारा गैर कानूनी हुक्का बार व बिना लाईसैंस के शराब पिलाने पर रेड की गई प्रतिबंध के बावजूद निर्माण करने वाले बिल्डर पर लगाया 5 लाख रुपए का जुर्माना