लोकसभा में सरकार ने दी जानकारी, घग्धर नदी का पानी न पीने योग्य और न ही नहाने योग्य चंडीगढ़, 17 दिसंबर। हरियाणा के कई जिलों से होकर गुजरने वाली घग्घर नदी के आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक बना हुआ है, इस नदी का पानी इस कदर प्रदूषित हो चुका है कि यह पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य। प्रदूषित पानी कैैंसर को बढ़ा रहा है, हर वर्ष कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है पर रोगियों के उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है ऐसे में राोगियों को उपचार के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ या दूसरे राज्यों की ओर कूच करना पड़ता है। गौरतलब हो कि सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से पूछा था कि हरियाणा में कैंसर रोगियों की संख्या कितनी है, हरियाणा के विभिन्न जिलों में ऐसे रोगियोंं के उपचार के लिए किए गए विशेष कैंसर वार्डो का जिलावार ब्यौरा क्या है, हरियाणा में प्रवेश करने वाली घग्घर नदी का प्रदूषित पानी कैंसर फैलाने में किस हद तक द जिम्मेदार है, क्या सरकार ने इस नदी को साफ करने के लिए कोई योजना बनाई है क्या केंद्र सरकार देश में बीपीएल परिवारों के कैंसर रोगियों को कोई विशेष सहायता प्रदान करती है। सांसद के इन सवालों के जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि हरियाणा में 2019 में 1486, 2020 में 1536, 2021 में 1580, 2022 में 1630 और 2023 में 1678 कैंसर रोगी भारत चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के तहत सामने आए। राज्यमंत्री ने जवाब में कहा है कि हरियाणा में हिसार, करनाल, नूंह, सोनीपत और रोहतक के सरकारी मेडिकल कालेजों में कैसर रोगियोंं की देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध है, इसके साथ ही राष्ट्रीय कैंसर संस्थान भादसा झज्जर में कैंसर रोगियों की देखभाल की व्यापक सुविधाएं है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी 22 जिलों में राष्ट्रीय गैर संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम लागूृ किया गया है, एनपी-एनसीडी के तहत पंचकूला, अंबाला, फरीदाबाद, कुरूक्षेत्र और यमुनागर में 22 जिला एनसीडी क्लीनिक 157 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एनसरडी क्लीनिक और पांच जिलों में जिला कैंसर डे केयर सेंटर कार्यरत है। जवाब में कहा गया है कि अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि घग्घर नदी के आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर का अधिक खतरा है। घग्घर नदी के पानी में सीसा, लोहा और एल्यूमिनियम की मात्रा निर्धारित मात्रा से कही अधिक है जिसके चलते कैंसर रोग को बढ़ावा मिल रहा है। हरियाणा राज्य में इस नदी का पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य है। राष्ट्रीय नदी सरंक्षण योजना के तहत पंजाब में घग्घर नदी के जलग्रहण क्षेत्र में शहरों से निकलने वाले अपशिष्टजल के उपचार के लिए कुल 291.7 एमएलडी क्षमता के 28 एसटीपी स्थापित है जबकि हरियाणा में 588 एमएलडी की सीवरेज उपचार क्षमता सृजित की गई है। राज्यमंत्री ने जवाब में कहा है कि सरकारी संस्थानों में कैंसर का इलाज या तो मुफ्त या सबसिडी वाला है, साथ ही गरीब रोगियों को उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है। Post navigation भाजपा ने “नॉन स्टॉप सदस्यता” अभियान चलाकर 35 लाख से ज्यादा सदस्य बनाने का अभिनव कीर्तिमान स्थापित किया : डा. सतीश पूनिया गुरुग्राम में होगा सुशासन दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह