समाधान शिविर में मामला पहुंचने के 6 महीने बीत जाने के बाद हुआ एक्शन सीएम सैनी द्वारा समाधान शिविर में लंबित मामले पर लिया गया संज्ञान अवैध कब्जे हटाने का पटौदी एसडीएम कोर्ट का 10 वर्ष पूर्व का फैसला धारे कॉलोनी पटौदी में आखिरकार हटाने ही पड़े अवैध निर्माण और कब्जे फतह सिंह उजाला पटौदी। आखिर ऐसा क्या कारण और मजबूरी रही की पटौदी एसडीएम कोर्ट के द्वारा अवैध कब्जे हटाने के आदेश और अवैध कब्जों के बीच में स्थानीय प्रशासन ही दीवार बना रहा ? पटौदी की एसडीएम कोर्ट के द्वारा वर्ष 2015 में पटौदी नगर पालिका क्षेत्र में धारा कॉलोनी से अवैध कब्जे हटाने के आदेश पारित किए गए। लेकिन कथित रूप से राजनीतिक संरक्षण के चलते इन आदेशों पर परतदार परत धूल चढ़ती ही चली गई ।अवैध कब्जे को हटाने को लेकर पटौदी के ही रहने वाले तेजभान चौहान के द्वारा सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई । इसके बाद विधानसभा चुनाव से पहले जब सरकार के आदेश पर समाधान शिविर लगाने आरंभ हुई तो यह मामला डीसी गुरुग्राम के सामने पहुंचा। वहां से अवैध कब्जे हटाने के एक बार फिर से आदेश दिए गए । हैरानी इस बात को लेकर है कि इसके भी लगभग 6 माह बीत जाने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और आखिरकार अवैध निर्माण और कब्जे को हटाने का काम किया गया। पुराना नगर पालिका पटौदी क्षेत्र में धारा कॉलोनी में ही लगभग 1 एकड़ जमीन पर जो की एक समुदाय का श्मशान घाट बताया गया। वहां पर धीरे-धीरे कब्जे करते हुए पक्के निर्माण कर लिए गए । पटौदी निवासी राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी तेजभान चौहान के मुताबिक स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को यहां से अवैध कब्जे हटाने के लिए अनेकों बार ध्यान आकर्षित किया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उपरोक्त जमीन पर लगभग दो दर्जन अवैध रूप से कब्जा करने और निर्माण करने वालों के खिलाफ पटौदी की एसडीएम कोर्ट में मामला भी विचाराधीन रहा और आखिरकार इसका फैसला अवैध रूप से कब्जा करने वालों के खिलाफ ही आया। एसडीएम कोर्ट के द्वारा पटौदी नगर पालिका प्रशासन को निर्देश दिए गए की प्रतिप्रार्थीगण को उपरोक्त जमीन से बेदखल किया जाना है । अतः सचिव नगर पालिका पटौदी को कब्जा दिलवाया जाए । पटौदी एसडीएम कोर्ट के द्वारा यह आदेश तहसीलदार पटौदी को दिए गए। लेकिन वर्ष दर वर्ष पूरे 10 वर्ष बीत गए और पटौदी एसडीएम कोर्ट के आदेश पर भी धूल पर धूल चढ़ती चली गई। राजस्व विभाग के ही पूर्व अधिकारी पटौदी निवासी तेजभान चौहान के मुताबिक स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस अवैध कब्जे के विषय में कई बार जानकारी देकर अवैध कब्जा मुक्त करवाने का अनुरोध किया गया । कथित रूप से राजनीतिक संरक्षण के चलते यह मामला लटकता ही चला गया। विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के द्वारा जन समस्याओं के समाधान के लिए डीसी से लेकर एसडीएम ऑफिस में भी समाधान शिविर में लोगों की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए गए। आखिरकार यह मामला भी गुरुग्राम डीसी के समाधान शिविर में डीसी के संज्ञान में लाया गया। वहां से पटौदी प्रशासन को निर्देश दिए गए , लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं ला जा सकी। इसके बाद कुछ ही दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायक सिंह सैनी के द्वारा समाधान शिविर में आने वाली शिकायतें और लंबित मामलों पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की गई। इसका परिणाम यह रहा की बीते शुक्रवार को पटौदी प्रशासन की तरफ से अवैध कब्जा और निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किए गए । इसके बाद एक दिन पहले मंगलवार को देर शाम तक लगभग दो दर्जन कब्जा धारी के अवैध कब्जे सहित निर्माण को स्थानीय प्रशासन की देखरेख में ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई किया जाने के समय पटौदी के नायब तहसीलदार सुरजीत, पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद के अधिकारी – कर्मचारी तथा पुलिस बल विशेष रूप से मौजूद रहा। Post navigation आरक्षण पर भाजपा की नीति और नियत साफ नहीं- पर्ल चौधरी