पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को दिया है आध्यात्मिक ज्ञान : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।

गीता जयंती महोत्सव मानव कल्याण संदेश का महोत्सव।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 3 दिसम्बर : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी गीता जयंती महोत्सव 2024 के अवसर पर ब्रह्मसरोवर आरती में शामिल हुए। इस मौके पर श्री जयराम संस्थाओं के ट्रस्टियों एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा व भक्तिभाव के साथ ब्रह्मसरोवर आरती की। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास है। इस धरा पर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मोह ग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वहीं पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। इसके साथ-साथ अनेक महान ऋषि मुनियों तथा संतों के पैर इस धरा पर पड़े हैं।

ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि कई महान संत व गुरु इस धरा पर पहुंचे हैं। इसलिए इस धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ ब्रह्मसरोवर का भी कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। इसी सरोवर के तट पर गीता जयंती महोत्सव मानव कल्याण के संदेश एवं मोक्ष का महोत्सव है। विश्व भर के धार्मिक आस्था के लोगों ने माना है कि भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से उत्पन्न गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र में आकर बहुत शांति मिलती है। इस अवसर पर के.के. कौशिक,वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, खरैती लाल, राजेश सिंगला, के.सी. रंगा, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, यशपाल राणा इत्यादि भी मौजूद रहे।

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