सांध्यकालीन महाआरती में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती व जयराम विद्यापीठ संस्थाओं के संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने की शिरकत, केडीबी ने मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र 2 दिसंबर : मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में कर्म करने का संदेश देती है। इस ग्रंथ के प्रत्येक श्लोक को स्मरण करने से मन को अध्यात्मिक शांति का अनुभव होता। श्रीकृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का संदेश देते हुए कहा कि फल चिंता छोडक़र सिर्फ अपना कर्म कर, कर्म करने से ही तेरा उद्घार होगा। विश्व कल्याण के लिए सभी को पवित्र ग्रंथ गीता का अनुसरण करना होगा। इस ग्रंथ में विश्व की तमाम समस्याओं का हल करने का मार्ग दिखाया गया है। इस ग्रंथ के एक-एक शब्द से शिक्षा और संस्कार ग्रहण किए जा सकते है। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती सोमवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले भारत भूषण भारती, जयराम विद्यापीठ संस्थाओं के संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, काम्रवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट मनोज कुमार, केडीबी सदस्य डा. ऋषिपाल मथाना, विजय नरुला, युद्घिष्ठर बहल, अशोक रोशा, एमके मोदगिल, कैप्टन परमजीत सिंह, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पवन आश्री, राजेश सिंगला, हरप्रीत सिंह, मीरा गौतम, खरैती लाल, महेंद्र पाल मेहता, मनमीत सिंह, एडवोकेट दर्शन गुलाटी, नरेंद्र वालिया सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। इस महाआरती से पहले कलाकार विशाल शर्मा, संजय, राज व रविंद्र ने भजन संध्या की प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता में संसार की हर समस्या का समाधान निहित है। इसलिए अपने तमाम समस्याओं के समाधान और देश की समृद्धि के लिए गीता के श्लौकों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। जो व्यक्ति गीता के उपदेशों को धारण करेगा वह अपना जीवन सफल बना लेगा। पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट पर गीता महाआरती से कर्म करने की शक्ति मिलती है, इस शक्ति से समाज सेवा में अपना योगदान दिया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को कर्म करने का संदेश लेने के लिए कुरुक्षेत्र की भूमि पर जरुर आना चाहिए। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। Post navigation विभिन्न राज्यों की कला के संगम के बीच कलाकारों ने दी शानदार नृत्यों की प्रस्तुति गीता जयंती महोत्सव पर ब्रह्मसरोवर आरती में शामिल हुए ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी